जर्मनी के म्यूनिख शहर में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बढ़ते भारत की कूटनीतिक कामयाबियों पर ऐसे बेलाग जवाब दिए कि सिर्फ सवाल पूछने वाले ही नहीं, मंच पर बैठे अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन भी ठगे से देखते रह गए। जयशंकर से पूछा गया था कि ‘यूक्रेन पर युद्ध थोपने के बावजूद आप रूस से तेल खरीद रहे हैं। ऐसा क्यों?’ इस पर बहुत तसल्ली के साथ मुस्कराते हुए जयशंकर ने कहा कि, ‘हमारे पास विकल्प हैं जिनको हम इस्तेमाल कर रहे हैं, हम गलत तरह से तेल नहीं खरीदते।’
यह कहकर भारत के विदेश मंत्री ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने हित देखकर दूसरे देशों के साथ व्यवहार करता है। इसलिए वह रूस से तेल खरीदेगा; उन्होंने साफ किया है कि भारत पश्चिमी देशों के दबाव को नहीं मानता और उनके हिसाब से अपने फैसले नहीं लेता। यह बात उन्होंने जर्मनी में चल रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर एक वार्ता में कही।
इस वार्ता के मंच पर जयशंकर के साथ अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन भी थे। ऐसे में भारत के विदेश मंत्री से सवाल किया गया कि रूस के साथ कारोबार चलाए रखते हुए भी भारत अमेरिका के साथ अपने संबंधों में संतुलन कैसे बैठा रहा है? इसी सवाल का उत्तर देते हुए जयशंकर ने पूछा कि क्या यह एक दिक्कत है, क्या यह कोई दिक्कत होनी चाहिए? हम इतने स्मार्ट हैं कि हमारे पास अनेक विकल्प हैं; इस बात के लिए हमारी प्रशंसा होनी चाहिए।
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर का ऐसा स्पष्ट जवाब सुनकर उनके बगल में ही बैठे ब्लिंकन मुस्कराए बिना न रह सके। सब जानते हैं कि भारत इस समय अमेरिका का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। खुद राष्ट्रपति बाइडेन और ब्लिंकन जानते हैं कि भारत अपनी स्वतंत्र विदेश नीति पर काम करता है। वह किसी देश के दबाव में न आकर अपना राष्ट्रीय हित देखता है। इसलिए वह हर देश के साथ उचित व्यवहार करता है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन खुद इस बात के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा कर चुके हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को शुरू हुए पांच दिन बाद, पूरे दो साल हो जाएंगे, अमेरिका सहित यूरोपीय संघ के देशों ने पुतिन और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हुए हैं। लेकिन दूसरी तरफ भारत रूस के साथ अपने पारंपरिक संबंधों को मजबूत ही करता गया है। रूस ने भारत को कम कीमतों में कच्चे तेल की आपूर्ति का वचन दिया हुआ है।
जयशंकर ने इसी चर्चा में कहा कि इस्राएल पर जो हमला हुआ, उसे भारत आतंकवाद मानता है। हालांकि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने गाजा में जो हालात हैं उन पर चिंता तो जताई लेकिन साथ ही कहा कि हमास की कार्रवाई एक आतंकवादी हरकत है। उन्होंने यह भी माना कि फिलिस्तीन ऐसा मुद्दा है, जिसका तुरंत समाधान होना बहुत आवश्यक है। भारत का मत है कि इस मुद्दे का हल ‘टू नेशन’ में है।
म्यूनिख में भारत के विदेश मंत्री ने खुलकर कहा कि भारत रूस सहित सभी देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है; उसी प्रकार भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को भी उतनी ही प्रमुखता से देखता है। जयशंकर ने कहा कि अगर भारत अमेरिका और रूस, दोनों बेहतर संबंध बनाए रखे हैं तो इसमें किसी को परेशानी क्यों होनी चाहिए!
इससे पहले भी जयशंकर अनेक अवसरों पर रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत का मत स्पष्ट कर चुके हैं। वे कई मंचों से भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को पूरी स्पष्टता से सामने लाए हैं। जयशंकर ने कल एक बार फिर कहा कि भारत को पूरी आजादी है कि ऊर्जा की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सबसे अच्छे विकल्प चुने। इस दृष्टि से रूस भारत का मित्र ही नहीं, एक स्रोत भी है।
जयशंकर ने इसी चर्चा में कहा कि इस्राएल पर जो हमला हुआ, उसे भारत आतंकवाद मानता है। हालांकि भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने गाजा में जो हालात हैं उन पर चिंता तो जताई लेकिन साथ ही कहा कि हमास की कार्रवाई एक आतंकवादी हरकत है। उन्होंने यह भी माना कि फिलिस्तीन ऐसा मुद्दा है, जिसका तुरंत समाधान होना बहुत आवश्यक है। भारत का मत है कि इस मुद्दे का हल ‘टू नेशन’ में है।
हमास के कब्जे में जकड़े इस्राएली बंधकों के संबंध में उनका कहना था कि उनकी वापसी होनी चाहिए। साथ ही गाजा में राहत पहुंचती रहे इसके लिए एक मानवीय गलियारा आवश्यक है।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के मौके पर जयशंकर ने फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी से भी भेंट की। उन्होंने गाजा के ताजा हालात का जायजा लिया। इसके बाद, विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि ‘फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी से मिलकर अच्छा लगा। हमने गाजा की वर्तमान स्थिति पर बात की।’
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