दमोह में बाल आयोग की दबिश, गुड शेफर्ड स्‍कूल छोड़कर भाग गया स्‍टॉफ, कन्वर्जन का आरोप, हिंदू बच्चों को बना दिया ईसाई

गुड शेफर्ड जैसे 126 से अधिक विद्यालयों का संचालन कर रहा ऑपरेशन मर्सी इंडिया फाउंडेशन

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डॉ. मयंक चतुर्वेदी

भोपाल । मध्‍यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया में ऑपरेशन मर्सी इंडिया फाउण्‍डेशन (ओएमआईएफ) द्वारा संचाहित गुड शेफर्ड स्कूल में बच्‍चों का मतान्‍तरण कराने का मामला समाने आया है। राज्‍य बाल आयोग (एससीपीसीआर) की टीम ने मौके पर पहुंचकर देखा कि कैसे स्कूल में एक परिवार के चार हिन्‍दू बच्चों को ईसाई बना दिया गया । आयोग ने यहां बड़ी संख्‍या में बाइबिल तथा स्कूल सिलेबस की पुस्तकें (जोकि ईसाईयत फैलाने का काम कर रही थीं) जब्त की । स्कूल प्रबंधन समेत अन्य स्टॉफ को जैसे ही शनिवार को पता चला कि बाल आयोग की टीम आ रही है, वह विद्यालय में बच्‍चों को छोड़कर फरार हो गया । इसके बाद जिला प्रशासन आगे आया और उसने तुरंत ही बच्‍चों की शिक्षा का नुकसान नहीं हो, इसके लिए मामले में गंभीरता दिखाते हुए यहां पर पढ़ने वाले बच्चों की वैकल्पिक शिक्षा देने की व्यवस्था की ।

हिन्‍दू बच्‍चों को विद्यालय प्रबंधन ने बना दिया ईसाई

मप्र राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एससीपीसीओर) के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि स्कूल के रिकॉर्ड देखे हैं और एक शिकायतकर्ता की शिकायत पर जांच की गई है । वह यहां शिक्षक भी रहे। उन्‍होंने आरोप लगाया था कि हमारे हिन्‍दू बच्‍चों को ईसाई बना दिया गया, उनका कन्वर्जन करा दिया गया है । जांच में आयोग की टीम को उनके दो बच्‍चों के फार्म मिले हैं, जिन पर हिन्‍दू धर्म के स्‍थान पर ईसाई लिखा पाया गया ।

ओंकार सिंह ने बताया कि अन्‍य अभिभावक भी स्‍वीकार कर रहे हैं कि बच्‍चों का यहां कन्वर्जन कराया जा रहा था । यहां से बहुत कुछ जब्त हुआ है जोकि शिक्षा विभाग को सौंप दिया गया । हम चाहेंगे शासन बच्‍चों के भविष्‍य को देखते हुए स्‍कूल को अपने कब्‍जे में लेकर चलाए। इसके साथ ही जो दस्‍तावेज हमारे पास हैं, उसके आधार पर स्‍कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर करने की मांग प्रतिवेदन में करेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी एस के नेमा ने कहा कि यहां की शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिसको देखते हुए समय-समय पर इसके ऊपर बीआरसी द्वारा कार्रवाई भी की गई है और अब बड़े स्‍तर पर यह कार्रवाई की जा रही है ।

पूर्व अभिभावक ने सुनाई आपबीती

एक अन्‍य पूर्व अभिभावक ने इस स्‍कूल को लेकर बताया कि उनके बच्‍चे यहां पढ़ते थे, उनसे कहा गया कि आपके भगवान और उनका शेर तो मांस खाता है, तुम क्‍यों नहीं खाते, तुम भी मांस खाया करो। देवी-देवताओं को लेकर अपमानजनक टिप्‍पणियां की जा रही थीं। मेरे बच्‍चों से कहा जा रहा था कि तुम्‍हारे देवी-देवताओं के अनेक हाथ होते हैं, तुमने कभी ऐसा व्‍यक्‍ति देखा है जिसके अनेक हाथ हों! ऐसे ही अन्‍य बातों को लेकर हिन्‍दू धर्म का मजाक बनाया जा रहा था, जो मुझे पसंद नहीं आया और मैंने इसकी शिकायत स्‍कूल के प्राचार्य से की। जब देखा कि व्‍यवहार में कोई सुधार नहीं है, तो फिर अपने बच्‍चों को यहां से निकाल कर दूसरे विद्यालय में प्रवेश दिलवाया ।

ऑपरेशन मर्सी इंडिया फाउण्‍डेशन का स्कूल

तेलंगाना की संस्‍था ऑपरेशन मर्सी इंडिया फाउण्‍डेशन (ओएमआईएफ) गुड शेफर्ड स्कूल जैसे देश भर में 126 से अधिक विद्यालय चलाता है। इस संस्‍थान के स्‍कूल में पढ़ाते रहे दम्‍पत्‍त‍ि ने जो खुलासे किए हैं वह कन्वर्जन की पोल खोल रहे हैं। इन्‍होंने शासन के समक्ष आवेदन देकर कन्वर्जन कराए जाने का पूरा राज खोला है। इसमें बताया गया, कैसे उन्‍हें पहले नौकरी देने के लिए ईसाई मत में मतान्‍तरित होने का लालच दिया गया, उनकी पत्‍नी के साथ क्‍या किया और जब वे नहीं माने तो उनके बच्‍चों को बिना उनकी अनुमति के ईसाई बनाने का प्रयास संस्‍था ने किया। उनके ईसाई नहीं बनने पर उनका स्‍थानान्‍तरण ही नहीं किया बल्‍कि कई माह का वेतन भी उन्‍हें नहीं दिया गया।

बच्‍चों को गुपचुप तरीके से ले जाते हैं चर्च

पूर्व शिक्षक ने बताया कि उन पर शिक्षक रहते हुए स्‍कूल प्रबंधक सेरसिंह तेरंग व स्मिता मौल द्वारा पहले बच्‍चों के फार्म में ईसाई मत लिखे जाने के लिए दबाव बनाया जाता रहा, फिर हम पति-पत्नी व बच्चों को चर्च जाने का दबाव बनाया जाने लगा, जिस पर हम लोगों ने आपत्ति व्यक्त की कि हम लोग हिंदू हैं हम चर्च नहीं जा सकते हैं। तब स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों का नाम काटकर हम पति-पत्नी को नौकरी से निकाल देने की धमकी दी जाने लगी और कहा गया कि ईसाई बनने पर ही तुम्हारे बच्चे यहां पढ़ सकते हैं और तुम लोग नौकरी कर सकते हो, नहीं तो सबको निकाल दिया जायेगा।

इस शिक्षक ने अपने खुलासे में बताया कि कैसे स्कूल प्रबंधन द्वारा पथरिया क्षेत्र के हिंदू परिवार के पढ़ने, वाले बच्चों को नैतिक शिक्षा के नाम पर ईसाई साहित्य पढ़ाया जाता है। बाल मन को बदलने का यहां मनोवैज्ञानिक प्रयास किया जा रहा है। यहां स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को चर्च में ले जाना, भीतर ही भीतर चोरी-छिपे ईसाईयत की प्रार्थनाएं कराना आम बात है। गुड शेफर्ड स्कूल के प्रबंधक की पत्नी स्मिता मौल आरटीई के अभिभावकों से 1500 से 2000 रुपये भी लेती हैं। जब मैंने ऐसे अनेक गलत मामलों में विरोध किया तो ऑपरेशन मर्सी इंडिया फाउण्‍डेशन (ओएमआईएफ) द्वारा मेरा वेतन तथा ईपीएफ रोक दिया गया, सिर्फ इसलिए कि हम ईसाई मत स्‍वीकार कर लें।

ये लोग कराते हैं यहां बच्‍चों और उनके अभिभावकों का मतान्‍तरण

पूर्व शिक्षक ने बताया कि स्कूल प्रबंधन में सेर सिंह, स्मिता मोल, जगन्नाथ गंगई, सपन दलाई, अस्‍विनी जेना, शोभारानी इक्का, मोनो प्रभादास, तारा, गार्ड थोबन अहिरवार यहां गरीब हिन्‍दू परिवार जोकि आर्थ‍िक रूप से बहुत ही लाचार हैं, उन्‍हें लालच देकर, अच्‍छे भविष्‍य का सपना दिखाकर ईसाई मत में मतान्‍तरित करने का काम कर रहे हैं। इसका कहना है कि ओएमआईएफ संस्था मुख्यतः सिकंदराबाद, तेलंगाना की है, जहाँ से इनका कार्य संपूर्ण भारत में चल रहा है । इनके गुड शेफर्ड नाम से 126 स्कूल चल रहे हैं जो पूर्ण रूप से मतान्‍तरण के कार्य में संलग्न हैं, तथा इन्हें विदेशों से बड़ी मात्रा में फण्डिंग भी हो रही है।

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