विकास नगर (देहरादून)। रुद्र सेना के कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी विकास नगर को दिए ज्ञापन में कहा है कि विभिन्न धार्मिक स्थलों से ऊंची आवाज वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) के माध्यम से बोलना सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना है। रुद्र सेना के प्रमुख राकेश उत्तराखंडी ने कहा कि कोर्ट द्वारा किसी भी ऊंची आवाज़ से अजान करना, प्रार्थना करना आदि पर पिछले वर्ष प्रतिबंध लगाया था। प्रशासन ने सभी समुदायों के साथ बैठक कर धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करना बंद करवाया था। लेकिन लाउडस्पीकर का इस्तेमाल फिर से होने लगा है। उन्होंने सरकार से इसके समाधान की अपील की है।
रुद्रसेना के तत्वावधान में राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौंपा गया। इसमें हल्द्वानी हिंसा पर भी कड़ी नाराज़गी जताई गई और कहा गया कि प्रदेश में हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी । रुद्रसेना उत्तराखंड में हो अवैध कब्जों के खिलाफ आवाज उठा रही है। इस पर सरकार का ध्यान बार-बार आकर्षित करती रहती है। विगत वर्ष हनोल में धर्मसभा का आयोजन किया किया गया था, जिस पर देवभूमि का स्वरूप बरकरार रखने पर चर्चा की गई थी।
विशेष समुदाय द्वारा धार्मिक भावना भड़काकर अवैध रूप से किया जा रहे कब्जे के खिलाफ रुद्र सेना के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने विकासनगर तहसील पहुंचकर विरोध-प्रदर्शन किया। राकेश उत्तराखंडी ने कहा कि प्रदेश के स्थानीय निवासी धार्मिक स्थलों के नाम पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेंगे, सरकार तत्काल अवैध अतिक्रमण को हटाए। जौनसार बावर क्षेत्र में अवैध तरीके से बसे लोगों को बाहर किया जाए। रुद्र सेना के संस्थापक प्रमुख अध्यक्ष राकेश तोमर उत्तराखंडी ने कहा कि हल्द्वानी की घटना कोई सामान्य घटना नहीं है। इसके दुष्परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंग। देवभूमि उत्तराखंड में कुछ विदेशी ताकतें जान-बूझकर बड़ी संख्या में अवैध लोगों को सरकारी जमीनों पर झुगी-झोपड़ी बनाकर कब्जा करा रही है। धीरे-धीरे उनके वोटर कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवा रही है। ऐसे लोग एक, दो साल के अंदर ही सभी सरकारी सुविधाओं के लाभार्थी बन जाते हैं।
राकेश उत्तराखंडी ने कहा कि पिछले दो वर्ष से लगातार सरकार को अवगत करा रहे हैं कि जौनसार बावर अनुसूचित जनजाति क्षेत्र है, वहां बाहरी व्यक्ति न जमीन ले सकता औक न सरकारी व निजी जमीन पर कब्जा कर सकते हैं। लेकिन त्युनी तहसील में बड़े पैमाने पर 800 बीघा निजी / सरकारी जमीन मुस्लिम वन गुर्जरों के नाम कर दी गई है। 1967 के बाद गैर जौनसारी के नाम यहां की जमीन नहीं लग सकती। अवैध रूप से नाम लगी जमीन निरस्त करने योग्य है व जितनी भी ये आबादी हमारे क्षेत्र में अवैध बसावट कर रही है, तत्काल बाहर किए जाएं।
ज्ञापन में रुद्र सेना ने उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट से धार्मिक स्थलों से माइक बंद किए गए हैं परंतु अभी तक मस्जिदों से माइक नहीं हटाए गए। ध्वनि प्रदूषण के कारण बुजुर्गों को परेशानी व स्कूली बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं जो एक धर्म विशेष द्वारा शुद्ध रूप से सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है।
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