बाला साहब ठाकरे की ही स्मिता ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के आघाड़ी गठबंधन के साथ जुड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया तो बड़ा ही बुरा लगा, क्योंकि साहब (बाला साहब ठाकरे) के लिए सनातन धर्म बहुत मायने रखता था। साहब ने कुर्सी को कभी भी महत्व नहीं दिया था।
लेकिन, जब उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ आए तो कही न कहीं मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये जो भी हो रहा है वो कुर्सी के लिए हो रहा है। स्मिता ठाकरे ने इस बात को स्वीकार किया कि बाला साहब ठाकरे की जो छवि थी, उद्धव ठाकरे उसे धूमिल कर रहे हैं। वह कहती हैं कि उन्होंने बाला साहब के सानिध्य में काफी वक्त गुजारा था और एक चीज जो उन्होंने महसूस किया कि साहब के लिए सनातन संस्कृति ज्यादा मायने रखती थी।
EP-137 with Smita Thackeray premieres on Sunday at 5 PM IST
"Ye sab kursi ke liye ho raha hai," Bal Thackeray's daughter-in-law Smita Thackeray reacts to Uddhav's alliance with Congress & NCP#Maharashtra #Uddhav #NCP #Congress
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— ANI (@ANI) February 17, 2024
स्मिता ठाकरे ने समाचार एजेंसी एएनआई के पॉडकॉस्ट में चर्चा के दौरान इस बात का खुलासा किया।
कौन हैं स्मिता ठाकरे
गौरतलब है कि बाला साहब के ठाकरे के तीन बेटे थे, इनमें से सबसे बड़े थे बिन्दु माधव, जिनका निधन 1996 में हो गया था। दूसरे नंबर के बेटे हैं जयदेव ठाकरे और तीसरे छोटे बेटें हैं उद्धव ठाकरे। स्मिता ठाकरे जयदेव ठाकरे की पत्नी थीं। हालांकि, दोनों का 2004 में ही तलाक हो गया था। स्मिता ठाकरे एक फिल्म प्रोड्यूसर, सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह राहुल प्रोडक्शन और मुक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष और फाउंडर हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल मार्च में शिंदे गुट वाली शिवसेना और शिवसेना (यूबीटी) के बीच विवाद गहराया था तब भी स्मिता ठाकरे ने खुलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था। उन्होंने कहा थि एकनाथ शिंदे बाला साहब ठाकरे के सिपहसालारों में से एक हैं। उन्होंने शिंदे को जनता का लाडला मुख्यमंत्री और सच्चा मुख्यमंत्री करार दिया था।
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