अयोध्या में भगवान राम के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने के साथ ही लोगों में सनातन धर्म के प्रति आस्था बढ़ी है। ऐसे वो लोग जो कभी किसी कारण से दूसरे पंथों में चले गए थे वो लोग अब धीरे-धीरे सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। इसी क्रम में बिहार के मुंगेर के तारापुर के रहने वाले ईसाई लोगों ने स्वेच्छा से सनातन धर्म को स्वीकार कर लिया।
घर वापसी करने वालों में सुशील रविदास, रिंकू देवी, आदित्य कुमार दास, सनोज कुमार दास व बिंदु कुमारी शामिल हैं। शुक्रवार को स्थानीय मंदिर के प्रांगण में इन सभी ने हिन्दू संगठनों की मदद से घर वापस की। इस मौके पर वैदिक विधियों से इनका शुद्धिकरण और फिर पूजा-अर्चना की गई। हवन के बाद ये फिर से सनातनी हो गए। घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि वे सभी तारापुर के बिहमा पंचायत की सिसुआ महादलित टोला के रहने वाले हैं।
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मिशनरियों ने अच्छी लाइफ स्टाइल का लालच देकर कराया था कन्वर्जन
इन लोगों ने बताया कि ईसाई मिशनरी उनके पास आए थे और उन्होंने उन्हें बेहतर शिक्षा, अच्छी लाइफ स्टाइल और अच्छे स्वास्थ्य की लालच देकर उनका कन्वर्जन करवा दिया था। ईसाई बनाने से पहले कुछ तंत्र विद्याएं भी की थी, मिशनरियों का कहना था कि इससे सारी बीमारियां सही हो जाएंगी। इसके बाद इन लोगों ने मोहल्ले के बाकी लोगों को भी यही लालच दिया था।
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सनातन पंरपराओं ने कराई घर वापसी
सनातन धर्म में घर वापसी करने के बाद इन लोगों से सब पूछा गया कि आखिर वो कौन सी वजहें हैं, जिन्होंने इन्हें घर वापसी के लिए प्रेरित किया? इन लोगों ने कहा कि सनातन की परंपराओं ने उन्हें वापस लौटने को मजबूर कर दिया। सनातन धर्म में लोग पशु पक्षियों के साथ-साथ अपने पूर्वजों तक की चिंता करते हैं।
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