पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार का पता लगाने के लिए संदेशखाली के दौरे पर गई भाजपा की 6 सदस्यीय टीम को पश्चिम बंगाल पुलिस ने घटना स्थल पर जाने से पहले ही रोक दिया है।
पुलिस द्वारा रोके जाने पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि हम यहां पीड़ितों से मिलने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए आए हैं। आज जिस तरह से पुलिस यहां हमें रोकने के लिए तत्परता के साथ खड़ी है, अगर यही तत्परता शेख शाहजहां और उसके गुंडों को रोकने के लिए गिरफ्तार करने के लिए दिखाई गई होती तो ये नौबत ही नहीं आती थी।
#WATCH | Union Minister and member of the delegation visiting Sandeshkhali, Pratima Bhaowmick says "Everything is going wrong in West Bengal…We are ashamed of the way women are treated here…Police are giving protection to the criminals and goons. We want to go to Sandeshkhali… pic.twitter.com/fG5JChVhTN
— ANI (@ANI) February 16, 2024
पुलिस द्वारा रोके जाने पर धरना देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सब कुछ गलत हो रहा है…यहां महिलाओं के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, उससे हम शर्मिंदा हैं। उन्होंने पुलिस पर ममता बनर्जी द्वारा संरक्षित आपराधियों और गुंडों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि संदेशखाली जाइए और पीड़ितों से मिलिए, लेकिन पुलिस का कहना है कि उन्हें ऊपर से आदेश है कि हमें न जाने दें।”
डेलीगेशन में कौन शामिल हैं
गौरतलब है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित इस डेलीगेशन में 6 सदस्य शामिल हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री और चार सांसद शामिल हैं। इस टीम की अगुवाई केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी कर रही हैं। उनके अलावा इस शिष्टमंडल में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक, सांसद सुनीता दुग्गल, कविता पाटीदगार, संगीता यादव और बृजलाल शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि संदेशखाली में हिन्दू महिलाओं पर ममता बनर्जी के गुर्गे शेख शाहजहां द्वारा लगातार अत्याचार किए जाने का आरोप है। ऐसे कई वीडियो और तस्वीरें सामने आ चुके हैं, जिनमें पीड़ित हिन्दू कहते देखे गए कि वो ये जानते हैं कि हिन्दू महिलाओं के साथ रेप और हत्या जैसे वारदातों को शेख शाहजहां ने ही अंजाम दिया है, लेकिन अगर वो कुछ बोलेंगे तो उनके साथ भी इस तरह की वारदात हो सकती है। हिन्दू वहां पर इतने खौफ में हैं कि वो कुछ भी बोलने तक से बच रहे हैं।
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दूसरी तरफ ममता सरकार का कहना है कि संदेशखाली में कुछ हुआ ही नहीं है। ममता बनर्जी की सरकार ने राज्यपाल की रिपोर्ट तक को आधारहीन करार दे दिया है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है पैदा होता है कि अगर संदेशखाली में सब कुछ ठीक है तो फिर 17 गिरफ्तारियां किस बात के लिए की गई हैं? वहां पर पुलिस का जमावड़ा क्यों है?
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