नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) की मंत्रिस्तरीय बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए समावेशिता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के इसमें बड़ी भूमिका निभाने से आईईए को फायदा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समावेशिता किसी भी संस्थान की विश्वसनीयता और क्षमता को बढ़ाती है। 1.4 अरब भारतीय प्रतिभा, प्रौद्योगिकी और नवाचार के साथ तैयार हैं। हम प्रत्येक मिशन में पैमाना और गति, मात्रा और गुणवत्ता लाते हैं। प्रधानमंत्री ने आईईए की मंत्रिस्तरीय बैठक के सफल होने की कामना की और कहा कि हमें एक स्वच्छ, हरित और समावेशी विश्व का निर्माण करना है।
जलवायु परिवर्तन के प्रति देश की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी है। हम बिजली उपलब्ध कराने की दुनिया की कुछ सबसे बड़ी पहल चला रहे हैं। हमारा कार्बन उत्सर्जन वैश्विक उत्सर्जन का 4 प्रतिशत ही है। हमारा एक सामूहिक और सक्रिय दृष्टिकोण है। भारत पहले ही अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहल का नेतृत्व कर चुका है। हमारा मिशन लाइफ सामूहिक प्रभाव के लिए ग्रह अनुकूल जीवनशैली विकल्पों पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। सतत विकास के लिए ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता की आवश्यकता है। एक दशक में हम 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गये। इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता छब्बीस गुना बढ़ गई। हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई। हमने इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से पहले ही पार कर लिया है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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