भारत के पूर्व क्रिकेटर और टेस्ट टीम के कप्तान रहे दत्ताजीराव गायकवाड़ का आज यानी मंगलवार को निधन हो गया है। उन्होंने 95 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वे भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेट के खिलाड़ी थे। बतादें, दत्ताजीराव गायकवाड़ को इंग्लैंड के दौरे पर भारतीय क्रिकेट टीम का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। दरअसल उन दिनों इतने ज्यादा टेस्ट मैच नहीं हुआ करते थे। जिसकी वजह से उन्हें अपने टेस्ट क्रिकेट करियर में सिर्फ 11 मैच ही खेलने का मौका मिला था। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दत्ताजीराव गायकवाड़ को श्रद्धांजलि दी।
The BCCI expresses its profound grief at the passing away of Dattajirao Gaekwad, former India captain and India’s oldest Test cricketer. He played in 11 Tests and led the team during India’s Tour of England in 1959. Under his captaincy, Baroda also won the Ranji Trophy in the… pic.twitter.com/HSUArGrjDF
— BCCI (@BCCI) February 13, 2024
बीसीसीआई ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बीसीसीआई भारत के पूर्व कप्तान और भारत के सबसे उम्रदराज टेस्ट क्रिकेटर दत्ताजीराव गायकवाड़ के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करती है। उन्होंने आगे लिखा कि दत्ताजीराव गायकवाड़ ने 11 टेस्ट खेले थे और वर्ष 1959 में भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान टीम का नेतृत्व भी किया था।
क्रिकेट बोर्ड ने पोस्ट में ये भी लिखा कि उनकी कप्तानी में बड़ौदा की टीम ने 1957-58 सीजन में फाइनल में सर्विसेज को हराकर रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था। भारतीय क्रिकेट बोर्ड गायकवाड़ के परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है।
दत्ताजीराव ने 5 जून 1952 को अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की थी। जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। वहीं 13 जनवरी 1961 में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था। उनका लगभग 9 साल का टेस्ट क्रिकेट करियर रहा, जिसमें उन्होंने 11 मैच खेले। इन मैचों में उन्होंने 350 रन बनाए। इसमें उनका एक अर्धशतक भी शामिल है। वैसे तो, दत्ता जी गायकवाड़ ने अपने 110 फर्स्ट क्लास मैचों में कुल 5788 रन बनाए थे। जिसमें उनके नाम से 17 शतक दर्ज है। कभी-कभी वे गेंदबाजी भी किया करते थे। जिसकी बदौलत उनके नाम 25 विकेट लेने का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में नाम शामिल है।
बतादें, क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद दत्ताजीराव बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन में शामिल हो गए थे । जिसके बाद उन्होंने कई उभरते हुए क्रिकेटरों का मार्गदर्शन भी किया था, उनमें से कुछ क्रिकेटरों ने भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है।
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