लखनऊ के हजरतगंज थाने में 12 दिसंबर 2023 को हलाल प्रमाणपत्र मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके बाद इस मामले की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित कर दी गई थी। एसटीएफ ने विभिन्न कम्पनियों को अवैध रूप से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर धोखाधड़ी के माध्यम से लाखो रुपयों की वसूली करने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें मौलाना यूसुफ, मौलाना मुद्दसिर, मो. ताहिर जाकिर हुसैन एवं मोहम्मद अनवर , ये सभी मुंबई के निवासी हैं। इनके पास से 4 आधार कार्ड, 4 पैन कार्ड, 3 मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, 21820 रुपये, 3 ड्राइविंग लाइसेन्स एवं 2 मतदाता पहचान पत्र मिले हैं।
कुछ कम्पनियों द्वारा जैसे हलाल इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, उलेमा हिन्द हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल आफ इण्डिया मुम्बई आदि ने विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढाने के उद्देश्य से कपटपूर्ण तरीका अपनाते हुए हलाल प्रमाण पत्र जारी किये थे। विवेचना के क्रम में हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष को अपना बयान दर्ज कराने के लिए एसटीएफ कार्यालय लखनऊ बुलाया गया, उनके बयान से ज्ञात हुआ कि कई कम्पनियों को हलाल सम्बन्धी प्रमाण पत्र जारी किये गये हैं। पूछताछ से यह तथ्य सामने आया कि हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जारी किया जा रहा है। हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा इसके लिए प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग-अलग कम्पनी से अलग-अलग रुपये लेती है। जिसमें से लगभग 10 हजार रुपये सर्टिफिकेट व 1 हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज करते हैं। भारतीय गुणवत्ता परिषद व अन्य किसी सरकारी संस्था द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है। हलाल काउंसिल ऑफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा विभिन्न कम्पनियों को देश व विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसके लिए यह अधिकृत नहीं हैं।
विवेचना के क्रम में हलाल काउन्सिल आफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा जारी हलाल प्रमाण पत्र धारी कम्पनियों के मालिक एवं कर्मचारियों से पूछताछ करने पर उनके द्वारा बताया गया कि हलाल काउन्सिल आफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया गया है। इन लोगों द्वारा कम्पनी में आकर किसी भी प्रोडक्ट का सैम्पल जांच के लिए नहीं लिया गया और न ही हलाल काउसिंल का कोई भी सदस्य पूछताछ के लिए कम्पनी में आया। इस प्रकार हलाल काउन्सिल आफ इण्डिया, मुम्बई द्वारा हलाल प्रोडक्ट के उपभोक्ताओं को बिना किसी जांच के व बिना किसी लैब टेस्ट के केवल ‘‘हलाल’’ का लोगो देकर जबरन वसूली की जा रही है। अनावश्यक रूप से एक अलग प्रकार का वित्तीय बोझ कम्पनियों पर डाला जा रहा है। इनके द्वारा जारी किये गये हलाल प्रमाण पत्र के अवलोकन से यह भी जानकारी मिली कि रेस्टोरेन्ट इत्यादि को भी इनके द्वारा हलाल प्रमाण पत्र दिया गया है, जबकि रेस्टोरेन्ट द्वारा परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री के बनने के तरीके एवं उपलब्ध सामानों पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है। जिससे यह पता चलता है कि यह लोग मनमानी तरीके से केवल पैसा लेने के उद्देश्य से हलाल प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे। साथ ही अभियुक्तगण इस प्रकार से प्राप्त आय-व्यय की कोई जानकारी नहीं दे सके। विवेचना के आधार पर बयानों व प्राप्त दस्तावेजों की जांच करने पर भारतीय गुणवत्ता परिषद एवं अन्य किसी सरकारी विभाग द्वारा हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं पाया गया।
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