अमेरिकी संसद में एक महत्वपूर्ण फेरबदल के तहत सांसद इल्हान उमर को विदेश मामलों की समिति से बाहर कर दिया गया है। यह वही मुस्लिम सांसद है जो अनेक विषयों पर अपनी कट्टर मजहबी सोच के चलते भारत विरोधी बयान दे चुकी है। वह पाकिस्तान सरकार के खर्च पर कुछ समय पहले पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर भी गई थी और वहां पाकिस्तानी प्रोपेगैंडा का प्रचार किया था।
इल्हान उमर इस्राएल की कट्टर विरोधी रही है, खासकर उसके हमास विरोधी युद्ध को लेकर। उसने इपनी कट्टर सोच के प्रभाव में आकर खुलेआम इस्राएल और यहूदी विरोधी बयान दिए। माना जा रहा है कि इल्हान के इस्राएल विरोधी बयानों की वजह से अमेरिका के कई सांसद इस डेमोक्रेट पार्टी की सांसद इल्हान से नाराज थे। राष्ट्रपति बाइडेन भी डेमोक्रेटिक पार्टी से ही आते हैं।
इल्हान को विदेश मामलों की संसदीय समिति से बाहर किए जाने का प्रस्ताव विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सांसद मैक्स मिलर ने पटल पर रखा था। प्रस्ताव में मिलर ने कहा था कि इल्हान उमर ने छह ऐसे बयान दिए हैं जो अमेरिका की विदेश नीति के विरुद्ध हैं इसलिए उन्हें समिति में सदस्य के नाते नहीं रहने दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि इल्हान इस्राएल और यहूदी विरोधी होने की वजह से अमेरिका की विदेश मामलों की समिति में रहने के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि ऐसी सूरत में वह तटस्थ रहकर निर्णय नहीं ले पाएंगी।
इस प्रस्ताव के बाद समिति में इस विषय पर मतदान हुआ और सांसद इल्हान उमर के विरुद्ध 218 वोट डाले गए जबकि उनके पक्ष में 211 वोट पड़े। आखिरकार तय हुआ कि कट्टर इस्लामवादी डेमोक्रेट सांसद इल्हान उमर को समिति से बाहर किया जाना ही उचित रहेगा। इस्राएल के विरुद्ध लगातार जहर उगलती आ रहीं इल्हान ने विदेश मामलों की समिति में रहते हुए भी अपने देश की विदेश नीति को धता बताई हुई थी। यहूदियों के विरुद्ध भी उनकी नस्लवादी टिप्पणियां किसी को रास नहीं आ रही थीं।
इल्हान को विदेश मामलों की संसदीय समिति से बाहर किए जाने का प्रस्ताव विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के सांसद मैक्स मिलर ने पटल पर रखा था। प्रस्ताव में मिलर ने कहा था कि इल्हान उमर ने छह ऐसे बयान दिए हैं जो अमेरिका की विदेश नीति के विरुद्ध हैं इसलिए उन्हें समिति में सदस्य के नाते नहीं रहने दिया जा सकता। उन्होंने कहा कि इल्हान इस्राएल और यहूदी विरोधी होने की वजह से अमेरिका की विदेश मामलों की समिति में रहने के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि ऐसी सूरत में वह तटस्थ रहकर निर्णय नहीं ले पाएंगी।
स्वाभाविक तौर पर राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यालय ने इस कार्रवाई को अनुचित माना है। व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव ने इसे एक ‘राजनीतिक चाल’ बताया है। वैसे इल्हान को हटाने का मामला अकेला नहीं है, कुछ समय में ही संसद की कई महत्वपूण समितियों से कई डेमोक्रेट सांसद बाहर किए जा चुके हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव का कहना है कि रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों के ये कदम अन्यायपूर्ण हैं। उसके अनुसार, यह अमेरिकी लोगों का अपमान करने जैसा है। प्रेस सचिव के अनुसार इल्हान उमर ने तो अपने ‘विवादित बयानों’ के लिए माफी तक मांगी है।
भारत और भारत की वर्तमान केन्द्र सरकार को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाने आतंकवाद के प्रायोजक पाकिस्तान के प्रति नरम रवैया रखने वाली इल्हान उमर के कई कदम ऐसे रहे हैं जो उन्हें कट्टर इस्लामवादी ही दिखाते हैं। उमर पहली सांसद हैं जो अमेरिका की संसद में हिजाब पहनकर गई थीं। भारत के अविभाजित हिस्से जम्मू कश्मीर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध भी उनके बयान अखबारों में छपते रहे हैं।
यह वही इल्हान उमर हैं जिन्होंने साल 2022 में अमेरिका की संसद में कहा था ‘मोदी सरकार मुसलमानों पर जुल्म कर रही है, आखिर ऐसा कब तक चलेगा? संसद में ही उन्होंने कहा था अमेरिका ने भारत के साथ जो संबंध बनाए हैं यह बहुत बड़ा अन्यायपूर्ण कदम है।
उल्लेखनीय है कि कट्टर इस्लामवादी इल्हान उमर ने कथित रूप से अपने ही भाई को अपना शौहर बनाया हुआ है। कहते हैं, ऐसा उन्होंने इसलिए किया था जिससे उनके भाई को अमेरिकी नागरिकता मिल जाए। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तो कई बार इस चीज को सार्वजनिक रूप से कह भी चुके हैं।
टिप्पणियाँ