असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार ने सोमवार को अपना बजट पेश किया। 2024-25 के लिए 2.9 लाख करोड़ रुपए के अपने बजट में महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य के मुद्दे पर खास फोकस किया। महिलाओं के लिए कई योजनाएं पेश की गई। इसके तहत सरकार ने फैसला किया है कि असम में बाल विवाह को रोकने के लिए प्रदेश सरकार 10 लाख लड़कियों को स्नातकोत्तर तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
बजट पेश करते हुए राज्य के वित्तमंत्री अजंता नियोग ने कहा कि लड़कियों को उच्च माध्यमिक से लेकर स्नातकोत्तर तक ये अनुदान मुख्यमत्री निजुत मोइना (MMNM) योजना के तहत प्रदान की जाएगी। इसके तहत 11वीं में प्रवेश के लिए 10,000 रुपए, स्नातक प्रथम वर्ष के लिए 12,500 रुपए और स्नातकोत्तर के पिछले वर्ष के लिए 15,000 रुपए का प्रवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। खास बात ये है कि ये प्रोत्साहन राशि स्कूल, कॉलेजों में मुफ्त प्रवेश और स्कूटी उपलब्ध कराए जाने के अतिरिक्त होंगे। वित्त मंत्री न इस बार के बजट में इस योजना के लिए अलग से 250 करोड़ रुपए अलोकेट किया है।
इस योजना को लाने के पीछे सरकार ने तर्क दिया है कि वित्तीय सहायता मिलने के बाद लड़कियां अपनी शिक्षा पर जोर देंगी, इससे बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने में मदद मिलेगी।
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बाल विवाह
वित्तमंत्री ने बाल विवाह को सबसे बड़ी सामाजिक बुराई करार देते हुए इसे मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन करार दिया। उन्होंने विधानसभा में बताया बाल विवाह के खिलाफ प्रासंगिक कानूनों के तहत विशेष अभियान के दौरान 5,000 से अधिक मामलों में 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके महिलाओं के विकास के लिए मुख्यमंत्री महिला उद्यमिता अभियान योजना के तहत सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के 39,67,743 सदस्यों में से प्रत्येक को 10,000 रुपये की उद्यमिता राशि देने का ऐलान किया है।
इसके अलावा हर लाभार्थी को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए 25,000 रुपये का बैंक लोन दिया भी दिया जाएगा। अगर लाभार्थी इसका सही से इस्तेमाल करने के बाद इसे वापस करता है तो उसे 12,500 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी। इस तरह से प्रत्येक लाभार्थी को अनुदान, सब्सिडी और ऋण के रूप में न्यूनतम 47,500 रुपये मिलेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबी उन्मूलन योजना ओरुनडोई के तहत 27 लाख महिलाओं के खातों में हर महीने 1250 रुपए जमा किए जाते हैं, जिसमें अब 2.5 लाख अतिरिक्त लाभार्थियों को भी जोड़ा जाएगा। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने कुल 3800 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
वित्त मंत्री ने 550 करोड़ रुपये की सूक्ष्म वित्त ऋण माफी योजना के तीसरे चरण की भी घोषणा की और कहा कि उन गरीब महिला उधारकर्ताओं को सहायता प्रदान की जाएगी, जिनके खाते 31 मार्च, 2021 से पहले गैर-निष्पादित संपत्ति बन गए हैं और जिनकी बकाया मूल राशि 25,001 और 50,000 रुपये के बीच है। इसके साथ ही वित्तमंत्री ने कहा कि प्रदेश की जीडीपी 2023-24 में 5.7 लाख करोड़ की है, जिसके अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 6.43 लाख करोड़ होने का अनुमान है।
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