कर्णावती। मोरबी के टंकारा में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती का उत्सव मनाया गया, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपस्थिति रहीं। राष्ट्रपति ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन कुंड में आहुति भी दी।
टंकारा में महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जन्म जयंती के उत्सव में भाग लेते हुए राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी हवन कुंड में आहुति दी। बाद में द्रौपदी मुर्मू ने महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालने वाली प्रदर्शनी हॉल का अवलोकन किया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने राष्ट्रपति एवं मुख्यमंत्री को इस प्रदर्शनी हॉल की जानकारी दी। टंकारा में 15 एकड़ में ज्योति तीर्थ का निर्माण होगा, जिसकी प्रतिकृति इस प्रदर्शनी में रखी गई थी।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि महर्षि दयानंद जी द्वारा जागृत चेतना ने रूढ़ियों और अज्ञान के अंधकार को दूर किया है। सौराष्ट्र की धरती ने देश की सोई हुई आत्मा को जगाने, प्रगति और समानता के आदर्शों को समाज से जोड़ने में देश को सही दिशा दिखाई है। महर्षि दयानंद जी का पुस्तक ‘सत्यार्थ प्रकाश’ और महात्मा गांधी के ‘सत्य प्रयोग’ मानव जाति को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि समग्र विश्व का उत्थान ही आर्य समाज का लक्ष्य है। दयानंद जी ने नारी शिक्षा, वंचित व आदिवासी उत्थान की वकालत कर मानव जाति को समरसता का पाठ पढ़ाया था। दयानंद जी ने भारत की आध्यात्मिक चेतना को जागृत कर अज्ञान व विधर्म को दूर करने का महान कार्य किया है।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि राज्य सरकार ने ज्ञान ज्योति तीर्थ के लिए राजकोट-मोरबी राजमार्ग पर भूमि आवंटित की है। टंकारा आने वाले तीर्थयात्रियों-पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। दयानंद जी के आदर्शों के मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिला शिक्षा समेत देश की प्रगति हो रही है।
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