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दयानंद सरस्वती के विचारों से समाज को मिला रूढ़ियों से छुटकारा : राष्ट्रपति

मोरबी में महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वां जन्मोत्सव समारोह

by WEB DESK
Feb 12, 2024, 05:52 pm IST
in गुजरात
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मोरबी। राष्ट्रपति श्री मती द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने 19वीं सदी के भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया। उनके फैलाए गए ज्ञान के प्रकाश से अज्ञान का अंधेरा दूर हुआ और समाज को रूढ़ियों से छुटकारा मिला है। हमारी भारत-भूमि धन्य रही है, जिसने महर्षि दयानंद सरस्वती जैसी अद्भुत विभूतियों को जन्म दिया है। महर्षि ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया और सत्य को सिद्ध करने के लिए सत्यार्थ प्रकाश नामक अमर ग्रंथ की रचना की।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को मोरबी जिले के टंकारा में आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वें जन्मोत्सव-ज्ञान ज्योति पर्व स्मरणोत्सव के समापन समारोह को संबोधित कर रही थीं। तीन दिवसीय समारोह का आयोजन दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, श्री महर्षि दयानंद सरस्वती स्मारक ट्रस्ट, टंकारा समेत समस्त आर्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

राष्ट्रपति ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पूरे देश के लिए ऐतिहासिक अवसर है। सत्यार्थ प्रकाश में दयानंद सरस्वती ने नमक कानून का विरोध किया था। उस ग्रंथ के प्रकाशन के 5 दशकों के बाद महात्मा गांधी ने नमक कानून का उल्लंघन किया। मुर्मू ने कहा कि देश की सोई आत्मा को जगाने, समाज को नैतिकता और समानता के आदर्शों से जोड़ने और देशवासियों को आत्म-गौरव का संचार करने में सौराष्ट्र की भूमि ने पूरे राष्ट्र को सही दिशा दिखाई है। उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती नारी-शिक्षा और नारी-स्वाभिमान के प्रबल पक्षधर थे।

इस मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक खेती को लेकर चलाए जा रहे अभियान की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा कि आर्य समाज छात्राओं के लिए कन्या स्कूल और उच्च शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना कर महिला सशक्तिकरण में योगदान दे रहा है। राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि दयानंद सरस्वती के 200वीं जयंती के आयोजनों के तहत अगाामी दो साल तक आर्य समाज ने परिवार और सामाजिक समरसता, प्राकृतिक खेती और व्यसन मुक्ति जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जो कि स्वस्थ्य समाज के निर्माण में सहायक साबित होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि अगले साल आर्य समाज अपनी स्थापना का 150वां साल पूरा करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आर्य समाज के साथ जुड़े सभी लोग महर्षि दयानंद सरस्वती के बेहतर विश्व के निर्माण के विजन को साकार करने की दिशा में कार्य करते रहेंगे।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)  

Topics: मोरबी समाचारMorbi Newsमहर्षि दयानंद सरस्वतीMaharishi Dayanand Saraswatiमोरबी में राष्ट्रपतिदयानंद सरस्वती के 200वां जन्मोत्सवPresident in Morbi200th birth anniversary of Dayanand Saraswati
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