उत्तराखंड में हल्द्वानी जिले में जिस बनभूलपुरा में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंसा की, उसी इलाके से सटा हुआ है गांधीनगर इलाका। हिंसा के बाद बनभूलपुरा में तो देशभर की मीडिया का जमावड़ा है, लेकिन पाञ्चजन्य की टीम बनभूलपुरा से सटे उन आसपास के इलाकों में भी पहुंची जहां पर हिंसा के बाद डर का मातम पसरा हुआ है। ये स्थान है गांधीनगर। कट्टरपंथियों की हिंसा के बाद इलाके के लोग डरे हुए हैं। वहां रह रहे लोगों का कहना है कि उन्होंने इस तरह का मंजर कभी नहीं देखा 8 फरवरी गुरुवार की शाम को आग की लपटें गोलियों की आवाज़ ने उन्हें डर के साए में डाल दिया है।
हालांकि, प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद किया गया है। इलाके में कर्फ्यू लगा हुआ है, लेकिन लोगों में डर घर कर गया है। इस बीच मौके पर पहुंचे भाजपा जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट ने डरे सहमे लोगों ने बातचीत की और इलाके के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है।
पत्रकारों से बात करते हुए नगर निगम में ही काम करने वाले एक शख्स निहाल ने 8 फरवरी की भयावह घटना को बयां किया। निहाल ने कहा, “उस दिन हम लोगों ने साक्षात मौत देखी। ऐसा लग रहा था कि हम अब दूसरा दिन नहीं देख पाएंगे। हम तो प्रशासन के लिए काम करने वाले लोग हैं। उस घटना के बाद हम लोग यहां पर काफी डरे हुए हैं। उस दिन जो घटना देखी, सोचा नहीं था कि ऐसा करेंगे ये लोग। हिंसा क बाद इलाके में सुरक्षा तो कड़ी हो गई है, लेकिन हमारे बच्चे खाने-पीने के लिए काफी परेशान हैं। कोई आ नहीं सकता और कोई जा नहीं सकता है। हम तो नगर निगम में ड्यूटी करने वाले लोग हैं। हमारे साथ ऐसा हुआ है। हमें इस तरह होगा, ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी।”
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