पाकिस्तान के गत दिनों सम्पन्न आम चुनावों में एकमात्र हिन्दू उम्मीदवार थी सवीरा प्रकाश, जो खैबर पख्तूनख्वा के बुरेन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ी थी। लेकिन पेशे से डॉक्टर सवीरा को कामयाबी न मिल पाई। पीपीपी पार्टी की प्रत्याशी के नाते चुनाव हारने के बावजूद सवीरा का संदेश लोगों के बीच वाहवाही पा रहा है।
चुनाव हारने के बाद, सवीरा प्रकाश ने एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर जारी करके अपने मतदाताओं का धन्यवाद किया है। सवीरा ने अपनी पार्टी का भी धन्यवाद किया है कि उस पर भरोसा जताया।
खैबर पख्तूनख्वा पड़ोसी इस्लामी देश पाकिस्तान का एक हिंसा ग्रस्त क्षेत्र रहा है। यहीं के बुनेर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव में उतरी एकमात्र हिंदू महिला उम्मीदवार 25 साल की सवीरा ने अपने वीडियो संदेश में कहा है कि उनका चुनावी सफर यकीन से परे था, जिसके लिए वे मतदाताओं का दिल से शुक्रिया करती हैं। उसने कहा कि ‘चेयरमैन बिलावल बुट्टो, पार्टी के समर्थकों तथा उनकी सोच पर भरोसा करने के लिए सभी मतदाताओं को धन्यवाद।’ आगे सवीरा कहती है कि नतीजे वैसे नहीं रहे जैसे उन्होंने सोचे थे। लेकिन सब साथ मिलकर एक मजबूत इरादे के साथ बढ़ते जा रहे हैं।
बुनेर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ी सवीरा उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाईं जो पार्टी ने उनसे लगाई थीं, लेकिन तो भी उसके जोश में कहीं कोई कमी नहीं दिख रही है। पीपीपी पार्टी के महिला प्रकोष्ठ की महासचिव सवीरा के पिता डॉ.ओम प्रकाश लगभग 30 साल से पीपीपी से जुड़े हैं। सवीरा जैसी हिन्दू महिला का राजनीति के क्षेत्र में इस स्थिति तक पहुंचना आश्चर्य की बात ही मानी जाएगी।
बुनेर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ी सवीरा उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पाईं जो पार्टी ने उनसे लगाई थीं, लेकिन तो भी उसके जोश में कहीं कोई कमी नहीं दिख रही है। सवीरा को सिर्फ 1,700 वोट मिले। पीपीपी पार्टी के महिला प्रकोष्ठ की महासचिव सवीरा के पिता डॉ.ओम प्रकाश लगभग 30 साल से पीपीपी से जुड़े हैं। खैबर पख्तूनख्वा इलाका अफगानिस्तान सीमा से सटा है और हिंसा की चपेट में रहता है। सवीरा जैसी हिन्दू महिला का राजनीति के क्षेत्र में इस स्थिति तक पहुंचना आश्चर्य की बात ही मानी जाएगी।
अभी तक के समाचार के अनुसार, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की कुल 265 सीटों में 257 सीटों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा सीटों पर पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। उन्हें 100 सीटें मिली हैं। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन 73 सीटों के साथ दूसरे नंबर की सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर सामने आई है। बिलावल भुट्टो की पार्टी पीपीपी तीसरे नंबर पर रही है। उसे 54 सीटों पर जीत मिली है।
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