सोमवार (12, फरवरी 2024) का दिन भारत की विदेश नीति के लिहाज से एक सफलता लेकर आया। ये खुशखबरी कतर से आई है, जहां कथित जासूसी के आऱोप में कतर में मौत की सजा पाए 8 भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है। रिहाई के बाद 8 में से सात पूर्व नौसैनिक स्वदेश वापस लौट आए हैं।
इस बात की जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार की सुबह एक प्रेस रिलीज के जरिए दी। इन सभी भारतीयों को वर्ष 2022 में इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत सरकार कतर में हिरासत में लिए गए डहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। उनमें से आठ में से सात भारत लौट आए हैं। हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं। ”
जिन 8 नौसैनिकों को रिहा किया गया है उनमें कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश शामिल हैं। ये सभी कतर की डहरा ग्लोबल कंपनी में काम करते थे और कतरी अमीरी नौसेना में इटैलियन U212 स्टील्थ पनडुब्बियों की देखरेख कर रहे थे।
दिसंबर में फांसी की सजा पर लगी थी रोक
गौरतलब है कि इससे पहले भारत सरकार की कूटनीतिक कोशिशें उस वक्त रंग लाई थीं, जब दिसंबर 2023 में कतर की कोर्ट ने पूर्व भारतीय नौसैनिकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगा दिया था। गौरतलब है कि भारत और कतर के बीच साल 2014 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों के बीच इस बात के लिए सहमति बनी थी कि दोनों देश अपनी-अपनी जेलों में बंद कैदियों को उनके देश में बाकी की सजा पूरी करने के लिए भेजेंगे। ऐसे में इन नौसैनिकों की जल्द वापसी की उम्मीद की जा रही है।
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