कर्णावती: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में गुजरात में 2993 करोड़ रुपये के खर्च से निर्मित 1,31,454 आवास का ई-लोकार्पण किया गया। ये कार्यक्रम बनासकांठा के डीसा में आयोजित किया गया जिसमें मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के साथ वर्चुअल संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मोदी ने सरकारी तिजोरी का खजाना गरीबों के लिए खोल दिया है। सरकार की गरीब कल्याण की हर एक योजना के सबसे बड़े लाभार्थी वनवासी, ओबीसी और दलित परिवार है। गरीब, युवा, अन्नदाता किसान और महिलाएं विकसित भारत के आधार स्तंभ हैं और इसलिए इनका सशक्तिकरण करना हमारी प्रतिबद्धता है। जैसे भगवान राम को अयोध्या में मंदिर मिला वैसे ही गुजरात में आज सवा लाख लोगों को खुद का आवास मिला है जिसकी वजह से आज सवा लाख लोगों के घरों में दिवाली का माहौल है। पिछले 10 सालों में देश में 25 करोड़ लोग गरीबी से उभरकर बाहर आए हैं। पहले गरीब आवास योजना के पैसे गरीबों तक नहीं पहुंचते थे लेकिन अब योजना का पैसा सीधा लाभार्थी के खाते में जमा किया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल केंद्र सरकार ने बजट में 2 करोड़ नए आवास बनाने की घोषणा की है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि आज लाखों परिवार अपने गृह प्रवेश की खुशियां मना रहे हैं और इस ऐतिहासिक घटना के प्रेरणा स्रोत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। प्रधानमंत्री ने अयोध्या में श्री राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करके एक नया इतिहास रचा है और भारत को विश्व में प्रतिष्ठा दिलवाई है। प्रधानमंत्री गरीबों और पिछड़े लोगों की चिंता कर उन तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं और ऐसा करके प्रधानमंत्री राम राज्य की कल्पना को वर्तमान युग में प्रस्थापित कर रहे हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से कई गरीबों की जीवन शैली बदल गई है।
कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों के साथ वर्चुअल संवाद किया जिसमें लाभार्थियों ने आवास मिलने पर प्रधानमंत्री को आभार प्रकट किया। इस संवाद में लाभार्थियों ने आवास मिलने पर उनके जीवन निर्वाह और जीवन शैली में आए परिवर्तन के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तापी जिले के सांकली गांव की सुमित्रा चौधरी का खुद के घर को पाने का सपना पूर्ण हुआ। सुमित्रा ने बताया कि पति के अवसान के बाद घर की जिम्मेदारी मुझ पर थी और मेरा परिवार एक झोपड़ी में रह रहा था। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने पर मेरा खुद के घर का सपना साकार हुआ है। इस योजन के तहत सरकार ने 1 लाख 20 हजार की आर्थिक सहायता मुझे दी थी।
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