नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी अवैध कब्जा हटाने गए तो उग्र मुसलमानों की भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद मुसलमानों ने जेसीबी में तोड़फोड़ की और पुलिस, प्रशासन और नगर निगम टीम पर पथराव किया। हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं।
उत्तराखंड में हल्द्वानी के बनभूलपुरा में प्रशासन ने नजूल की भूमि पर बने अवैध मदरसे और मस्जिद को ध्वस्त कर दिया। बनभूलपुरा के इंदिरा नगर क्षेत्र में 8 फरवरी को जब नगर निगम और प्रशासन के अधिकारी अवैध कब्जा हटाने गए तो उग्र मुसलमानों की भीड़ ने हमला कर दिया। पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद मुसलमानों ने जेसीबी में तोड़फोड़ की और पुलिस, प्रशासन और नगर निगम टीम पर पथराव किया। हमला करने वालों में महिलाएं भी शामिल थीं।
दंगाइयों द्वारा किए गए हमले में एसडीएम सहित दो दर्जन से अधिक पुलिस-निगम कर्मी घायल हो गए। दंगाइयों ने पत्रकारों को भी निशाना बनाया और उनके वाहनों में आग लगा दी। हमले में कई पत्रकार भी घायल हो गए। मुसलमानों के हिंसक हमले के बावजूद प्रशासन ने अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई जारी रखी और 100 करोड़ की जमीन को खाली कराया।
हिंसा के बाद हल्द्वानी में इंटरनेट बंद करने के साथ कर्फ्यू लगा दिया गया है तथा दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। दंगाइयों ने कई जगह आगजनी की और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया तथा 70 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। खबर लिखे जाने तक हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी थी। दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए सीरआरपीएफ और आरएएफ के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। दंगाइयों की घर-घर तलाशी ली जा रही है। हालात को देखते हुए हल्द्वानी में स्कूलों में एकदिवसीय अवकाश की घोषणा कर दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर हमले तथा क्षेत्र में अशांति फैलाने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार तथा अन्य उच्चाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के बाद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए अराजक तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में किसी को भी कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने की छूट नहीं दी जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर प्रशासन की टीम अवैध अतिक्रमण को हटाने गई थी। लेकिन अराजक तत्वों ने हमला कर दिया, जिसमें पुलिस और प्रशासन के लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। जिन्होंने आगजनी की है, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। पत्रकारों पर दंगाइयों के हमले पर भी मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया है। उन्होंने सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को सरकार की ओर से सभी घायल पत्रकारों का उपचार कराने के निर्देश दिए हैं।
नगर निगम ने नोटिस में वहां बने मदरसे को अवैध करार दिया है। इसके खिलाफ साफिया मलिक एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने निगम के नोटिस को खारिज करने की मांग करते हुए दावा किया है कि उनके पास 1937 की लीज है, जो उन्हें मलिक परिवार से मिली है। इसलिए सरकार इसे अपने कब्जे में नहीं ले सकती है। एक अन्य याचिका में अच्छन खान के बगीचे वाले क्षेत्र से दीवार का ध्वस्तीकरण न करते हुए तारबाड़ को हटाने की मांग की गई है।
हिंसा के बाद हल्द्वानी में इंटरनेट बंद करने के साथ कर्फ्यू लगा दिया गया है तथा दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं। दंगाइयों ने कई जगह आगजनी की और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया तथा 70 वाहनों को आग के हवाले कर दिया। खबर लिखे जाने तक हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी थी। दंगाइयों को नियंत्रित करने के लिए सीरआरपीएफ और आरएएफ के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। दंगाइयों की घर-घर तलाशी ली जा रही है। हालात को देखते हुए हल्द्वानी में स्कूलों में एकदिवसीय अवकाश की घोषणा कर दी गई है। बता दें कि इसी इलाके में रेलवे की जमीन पर बने लगभग 4,000 से ज्यादा मकान तोड़े जाने थे। यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
इस बीच, हल्द्वानी के मलिक का बगीचा और अच्छन खान का बगीचा क्षेत्र में हुए अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर नैनीताल उच्च न्यायालय में 14 फरवरी को सुनवाई होगी। नगर निगम ने नोटिस में वहां बने मदरसे को अवैध करार दिया है। इसके खिलाफ साफिया मलिक एवं अन्य ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इसमें उन्होंने निगम के नोटिस को खारिज करने की मांग करते हुए दावा किया है कि उनके पास 1937 की लीज है, जो उन्हें मलिक परिवार से मिली है। इसलिए सरकार इसे अपने कब्जे में नहीं ले सकती है। एक अन्य याचिका में अच्छन खान के बगीचे वाले क्षेत्र से दीवार का ध्वस्तीकरण न करते हुए तारबाड़ को हटाने की मांग की गई है।
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