ब्रह्मा का प्रवाह हमें गंगा माता के रूप में मिला है। गंगा माता हमें अश्रुपूरित नेत्रों से देख रही है और अपने पुत्रों से कह रही है कि हम नहीं बचे तो कोई नहीं बच पाएगा।
गत फरवरी को गोरखपुर में गंगा समग्र का तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकर्ता संगम संपन्न हुआ। संगम में कार्यकर्ताओं ने जल तीर्थों की अविरलता और निर्मलता पर मंथन किया।
इस दौरान सहमति बनी कि मल-जल के उचित उपचार के बिना गंगा और अन्य जल तीर्थों को निर्मल नहीं किया जा सकता। इसलिए समापन पर एक प्रस्ताव पारित कर सरकार से इस दिशा में वृहद् कार्य योजना बनाने और उसे लागू कराने की मांग की गई।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए गंगा समग्र के संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा कि कलियुग में गंगा को मोक्षदा कहा गया है। इससे गंगा की महत्ता को समझा जा सकता है।
राष्ट्रीय महामंत्री आशीष गौतम ने कहा कि ब्रह्मा का प्रवाह हमें गंगा माता के रूप में मिला है। गंगा माता हमें अश्रुपूरित नेत्रों से देख रही है और अपने पुत्रों से कह रही है कि हम नहीं बचे तो कोई नहीं बच पाएगा।
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