नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली में एक बार फिर हिंसा भड़क गई है। सड़कों पर उतरी महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख समेत अन्य नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन किया। टीएमसी और ग्रामीणों के बीच हुई मारपीट में 13 नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए। इस घटना पर संज्ञान लेते हुए शनिवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को नोटिस भेजा है। नोटिस में पश्चिम बंगाल सरकार को इस घटना को रोकने और की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट तीन दिन के अंदर भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
इधर पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने भी भाजपा विधायकों के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल आनंद बोस के साथ बैठक की, जहां उन्होंने कहा कि अगले 24 घंटों में हिंसाग्रस्त संदेशखाली में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए ठोस कदम उठाएं। उन्होंने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि वह धारा 144 का उल्लंघन करेंगे और संदेशखाली में भाजपा प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि राज्य प्रशासन और पुलिस वहां स्थानीय लोगों के सहज आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। स्थानीय लोगों के उस लोकतांत्रिक और सहज आंदोलन को दबाने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर हालात सामान्य नहीं हुए तो भाजपा विधायक सोमवार को विधानसभा परिसर में इकट्ठा होंगे और वहां से संदेशखाली जाएंगे, भले ही हमें वहां धारा 144 का उल्लंघन करना पड़े।
क्या है पूरा मामला
केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल को फंड न देने को लेकर टीएमसी नेताओं ने संदेशखाली के त्रिमोहानी बाजार में लोगों के साथ मिलकर रैली निकाली थी। इस रैली में शाहजहां शेख के नारे लगाने पर बवाल मच गया। संदेशखाली की महिलाओं और पुरुषों ने हाथों में लाठी-डंडे लेकर रैली को रोकने की कोशिश की। इस दौरान दोनों ओर से मारपीट हुई। इस घटना में कई लोग घायल हो गए।
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