बरेली। देश में गृहयुद्ध की धमकी देने के साथ लगातार नफरती बयानबाजी कर रहे मौलाना तौकीर रजा खान अब घिरते नजर आ रहे हैं। एक दिन पहले बरेली में मौलाना की जुटाई मुस्लिम भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने शहर को दंगे की आग में झोंकने का षडयंत्र रचा था। मुस्लिम बहुल इलाके में राहगीरों और व्यापारियों पर पथराव, मारपीट, तोड़फोड़, दुकानों में आगजनी की कोशिश की गई। इसे लेकर भाजपा और व्यापार मंडल ने मौलाना मोर्चा खोलते हुए मौलाना तौकीर पर रासुका लगाए जाने की मांग उठाई है। 100 से अधिक उदव्रियों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस उनकी तलाश में जुटी है।
इत्तहादे मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने हल्द्वानी में हिंसा के ठीक एक दिन बाद जिस तरह बरेली में बगैर अनुमति भीड़ जुटाकर नफरती बयानबाजी की, उससे शहर में तनाव के हालात बन गए थे। मौलाना ने बेहद असभ्य तरीके से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे भाजपा और हिन्दू संगठनों के साथ बरेली की आम जनता व व्यापारियों में भारी रोष है।
शुक्रवार को बरेली में नमाज के मौलाना के बुलावे पर जुटी भीड़ ने लौटते वक्त मुस्लिम बाहुल्य शहामतगंज इलाके में बवाल भी किया था। उपद्रवियों ने राहगीरों पर हमला करते हुए उनकी बाइक व स्कूटी तोड़ दीं। दुकानों में तोड़फोड़ कर व्यापारियों को भी निशाना बनाने की कोशिश की थी। समय रहते हुए पुलिस ने घेराबंदी कर उपद्रवियों को न खदेड़ा होता तो सपा-बसपा सरकारों में बार-बार दंगे की आग में जल चुके बरेली शहर का माहौल फिर खराब हो सकता था।
पुलिस की सख्ती के बाद मौलाना बगैर प्रदर्शन किए अपने घर तो लौट गए मगर अपनी ही बुलाई भीड़ पर नियंत्रण नहीं रख सके, जिसके वजह से बरेली में दंगा होते-होते बचा। पुलिस के अनुसार, शहामतगंज में उपद्रव मामले में 100 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस टीमें उपद्रवियों की तलाश में जुटी हैं। सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। आईजी रेंज बरेली डॉ राकेश सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि खुराफात करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी।
दूसरी ओर, बरेली का माहौल गरमाने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा पर जमकर हमला बोला है। राजेश अग्रवाल ने कहा, मौलाना तौकीर का काम ही माहौल खराब करना है। वह अपने बयानों से कौम में नफरत फैला रहे हैं और युवाओं को आक्रोशित कर रहे हैं। बरेली में 2010 व 2012 में हुए दंगों में मौलाना तौकीर रजा की मुख्य भूमिका रही थी। पुलिस ने उनको जेल भी भेजा था। अब मौलाना न्यायालय को भी अपशब्द कहने से बाज नहीं आ रहे। पीएम मोदी के खिलाफ अपत्तिजनक शब्दों को इस्तेमाल कर रहे हैं। मौलाना भूल रहे हैं कि देश में बहुसंख्यक हिन्दू हैं। हिन्दुओं ने कभी संविधान और कोर्ट के विरोध काम नहीं किया। रामलला के मंदिर के लिए कोर्ट के फैसले का इंतजार किया था। ज्ञानवापी में कोर्ट के फैसले का पालन किया जा रहा है। तौकीर अब उत्तराखंड की आग बरेली में फैलाना चाहते हैं।
साथ ही उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र गुप्ता ने यूपी शासन एवं बरेली प्रशासन से मौलाना तौकीर पर तुरंत राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की मांग की है। व्यापार मंडल प्रतिनिधि ने कहा कि मौलाना तौकीर की वजह से अक्सर बरेली के बाजार में दहशत फैल रही है। बाजार बंद हो रहे हैं। मौलाना ने उत्तेजक भाषण देकर के बरेली के माहौल को खराब किया है। इसे लेकर उन पर रासुका लगाई जानी चाहिए।
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