सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल - क्या बिना तारीख बदले संविधान की प्रस्तावना में संशोधन संभव था, जानें क्या है मामला
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल – क्या बिना तारीख बदले संविधान की प्रस्तावना में संशोधन संभव था, जानें क्या है मामला

याचिका में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि डॉ. भीम राव अंबेडकर ने इन शब्दों को शामिल करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि राजनीतिक विचारधाराओं को संविधान के माध्यम से नागरिकों पर नहीं थोपा जाना चाहिए

by Mahak Singh
Feb 10, 2024, 01:00 pm IST
in भारत
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना से ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को हटाने की मांग करते हुए, भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी की याचिका को सुनने के लिए सहमति व्यक्त की। जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता ने 29 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सुनवाई निर्धारित की है। स्वामी का तर्क है कि ये शब्द केशवानंद भारती निर्णय में स्थापित बुनियादी संरचना सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। संविधान निर्माताओं का कभी भी लोकतांत्रिक शासन में समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष अवधारणाओं को पेश करने का कोई इरादा नहीं था। याचिका में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि डॉ. भीम राव अंबेडकर ने इन शब्दों को शामिल करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि राजनीतिक विचारधाराओं को संविधान के माध्यम से नागरिकों पर नहीं थोपा जाना चाहिए। आइए समझते हैं…

पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी और वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द हटाने की मांग की है। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने शुक्रवार को पूछा कि क्या संविधान की प्रस्तावना को 26 नवंबर, 1949 को अंगीकार की तारीख को बरकरार रखते हुए बदलाव किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा, ‘क्या अकादमिक उद्देश्य के लिए प्रस्तावना में उसे अंगीकार करने की तारीख को बदले बिना प्रस्तावना को बदला जा सकता है?’ उन्होंने कहा, ‘अगर हां, तो प्रस्तावना में संशोधन किया जा सकता है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है।’ स्वामी की याचिका में कहा गया है कि ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ ये शब्द 1976 के आपातकाल के दौरान 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के माध्यम से प्रस्तावना में जोड़े गए थे, इसलिए वे प्रसिद्ध केशवानंद भारती निर्णय में घोषित बुनियादी संरचना के सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं। दो शब्द जोड़ने के बावजूद, प्रस्तावना में अभी भी कहा गया है कि इसे 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था।

अभी क्या हो रहा है?

सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 29 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई करेगा।

क्या कहते हैं स्वामी?

स्वामी का तर्क ये है कि अनुच्छेद-368 के तहत यह संशोधन संसद की संशोधन शक्ति से परे था। उनकी याचिका में इस बात को साफ कहा गया है कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने इन शब्दों को शामिल करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नागरिकों को अपनी राजनीतिक विचारधारा चुनने का अधिकार है, इसे संविधान के जरिए उन पर थोपा नहीं जा सकता।

Topics: subramanian swamy plea on preamblesubramanian swamy news in hindiamendment to the preambleसंविधान की प्रस्तावनाकेशवानंद भारती केससुब्रमण्यन स्वामीsuprime court latest newsसुप्रीम कोर्ट
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुप्रीम कोर्ट

वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर जस्टिस गवई की बेंच करेगी सुनवाई, चीफ जस्टिस खन्ना 13 मई को हो रहे सेवानिवृत 

सुप्रीम कोर्ट

“बेहद गंभीर वक्त है, सेना का मनोबल न गिराएं”, पहलगाम आतंकी हमले पर सुनवाई से SC का इनकार, लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट

पेगासस से जुड़ी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का इस्तेमाल गलत नहीं : SC

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: शरिया अदालत और फतवे कानूनी रूप से अमान्य

सुप्रीम कोर्ट

OTT और सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट बैन की मांग, नेटफ्लिक्स, उल्लू, ट्विटर, मेटा, ऑल्ट बालाजी, गूगल को नोटिस

Supreme court Rahul Gandhi Veer Savarkar

राहुल गांधी को SC की फटकार, कहा- याद रहे वीर सावरकर जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी दिलाई

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

सीजफायर का पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ा, समझौते का कर रहा घोर उल्लंघन

‘अच्छा इसलिए झुका पाकिस्तान’… : जानिए India Pakistan Ceasefire के पीछे की कहानी

पाकिस्तानी गोलाबारी में JCO बलिदान, 6 की मौत और 20 से अधिक घायल

मऊ में ट्रिपल तलाक का सनसनीखेज मामला : रिजवाना को छोड़कर अशरफ ने रचाया दूसरा निकाह, पीड़िता ने SP से लगाई गुहार

उत्तराखंड : जमरानी बांध पहुंचे सांसद अजय भट्ट- 2029 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies