भारत में उड़ान भरने लगा ड्रोन उद्योग

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बालेन्दु शर्मा दाधीच

भारत में अगस्त 2021 और फरवरी 2022 के बीच ड्रोन स्टार्टअप की संख्या में 34.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि देश में बढ़ते ड्रोन उद्योग का प्रमाण है। हमारे स्टार्टअप विभिन्न क्षेत्रों में इसकी संभावनाएं तलाश रहे हैं

हालांकि भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी अभी अपने शुरुआती चरण में है तथापि कई कंपनियां भारतीय किसानों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत हैं। उनका लक्ष्य कृषि उत्पादन में दक्षता बढ़ाने के लिए ड्रोन का उपयोग और उपलब्धता सुनिश्चित करना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अनुमान के अनुसार, भारत में ड्रोन उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2026 तक 12,000-15,000 करोड़ रुपये के कारोबार तक पहुंच जाएगा।

ये उज्ज्वल संभावनाएं अकारण नहीं हैं। भारत सरकार ने देश के भीतर ड्रोन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और इनमें से कई, विशेष रूप से कृषि, ग्रामीण समाज और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए प्रासंगिक हैं। ये योजनाएं क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं को शामिल करती हैं।

भारत में 333 ड्रोन स्टार्टअप पंजीकृत थे। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, क्योंकि भारत में अगस्त 2021 और फरवरी 2022 के बीच ड्रोन स्टार्टअप की संख्या में 34.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि देश में बढ़ते ड्रोन उद्योग का एक प्रमाण है। हमारे स्टार्टअप कृषि, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विभिन्न अनुप्रयोगों की संभावनाएं तलाश रहे हैं।

 मई 2022 में भारत के सबसे बड़े ड्रोन एक्सपो का उद्घाटन करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘‘मैं हर खेत में एक ड्रोन और हर हाथ में एक फोन देखना चाहता हूं।’’ उनके इन शब्दों से भारतीय कृषि में ड्रोन के उपयोग और महत्व को लेकर उनकी दृष्टि का स्पष्ट एहसास हो जाता है।

जून 2023 तक, भारत में 333 ड्रोन स्टार्टअप पंजीकृत थे। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है, क्योंकि भारत में अगस्त 2021 और फरवरी 2022 के बीच ड्रोन स्टार्टअप की संख्या में 34.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। यह वृद्धि देश में बढ़ते ड्रोन उद्योग का एक प्रमाण है। हमारे स्टार्टअप कृषि, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में ड्रोन प्रौद्योगिकी के विभिन्न अनुप्रयोगों की संभावनाएं तलाश रहे हैं। ड्रोन तकनीक के क्षेत्र में सक्रिय कुछ स्टार्ट अप इस प्रकार हैं:

एअरो 360: यह भारत की अग्रणी ड्रोन विनिर्माण कंपनी है। यह कृषि, सर्वेक्षण, मैपिंग और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए ड्रोन समाधान प्रदान करती है।

स्काईलार्क: यह खनन, निर्माण, कृषि और रक्षा जैसे उद्योगों के लिए ड्रोन का विनिर्माण करती है। भारत के ड्रोन उद्योग में इसका काफी नाम है।

आइडियाफोर्ज: यह ड्रोन विनिर्माण कंपनी कई वर्ष से इस उद्योग में है। यह रक्षा, कानून प्रवर्तन और अन्य सुरक्षा संबंधी उद्योगों के लिए ड्रोन विकसित करती है। रक्षा क्षेत्र में प्रयुक्त ड्रोन मजबूत, टिकाऊ और कठिन मौसमी हालातों को सहन करने में सक्षम होने चाहिए।

क्वीडिच इनोवेशन लैब्स: यह कंपनी फिल्म और टेलीविजन उद्योग के लिए ड्रोन समाधान प्रदान करती है। यह ऐसे ड्रोन विकसित करती है जो हवाई फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए हैं। ये उच्च गुणवत्ता वाले, स्थिर फुटेज प्रदान करते हैं।

डीजेआई: यह कंपनी ड्रोन निर्माण में वैश्विक स्तर पर पहचान रखती है और भारत में इसकी महत्वपूर्ण उपस्थिति है। यह कृषि, निर्माण और सर्वेक्षण जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए ड्रोन समाधान प्रदान करती है।
एस्टीरिया एअरोस्पेस: यह ड्रोन निर्माण कंपनी रक्षा, सुरक्षा और आधारभूत ढांचे की विकास संबंधी जरूरतों के लिए ड्रोन बनाती है।

ओम यूएवी सिस्टम्स: यह कंपनी कृषि, खनन और निर्माण के लिए ड्रोन समाधान प्रदान करती है। इसके ड्रोन में बेहतर चित्रण (इमेजिंग) सुविधा मौजूद है जो गुणवत्तापूर्ण डेटा इकट्ठा करने और सटीक निर्णय लेने में मदद करते हैं।

चेन्नै माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स: यह कंपनी कृषि, निर्माण और सर्वेक्षण जैसे विभिन्न उद्योगों के लिए ड्रोन समाधान प्रदान करती है।

ड्रोनाचार्य एरियल इनोवेशंस: यह डेटा-आधारित कंपनी ड्रोन, उपग्रह और भौगोलिक सूचना प्रणालियों में दक्षता रखती है। व्यापक स्तर पर ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के साथ ही यह इस क्षेत्र में प्रशिक्षण भी देती है, जो सभी आयु वर्गों के लिए होते हैं।

भारत की अन्य प्रमुख ड्रोन कंपनियों में गरुड़ एअरोस्पेस, जनरल एअरोनॉटिक्स, अडानी डिफेन्स एंड एअरोस्पेस आदि शामिल हैं।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट एशिया में डेवलपर मार्केटिंग के प्रमुख हैं)

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