भारत में रेलवे यातायात की रीढ़ मानी जाती है। लंबी दूरी के लिए रेलवे देश के गरीबों की लाइफलाइन है। रेलवे को सफर को और अधिक आसान बनाने को लेकर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज (शुक्रवार 9 फरवरी 2024) बताया कि रेलवे यात्रा को सुलभ बनाने के लिए सरकार ने यात्रियों को सब्सिडी की पेशकश की है। इसके तहत यात्रियों को कुल टिकट की लागत का केवल 53 प्रतिशत देना पड़ेगा। बाकी का 47 रुपए प्रत्येक यात्री को सब्सिडी के रूप में रहेगा।
उन्होंने कहा कि आज भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला रेलवे नेटवर्क सिस्टम बन गया है। वित्त वर्ष 2023 में देश में भारत सरकार ने 5240 किमी नई रेलवे पटरियां बिछाई हैं। केंद्रीय मंत्री का कहना है कि जितनी रेल पटरियां भारत में एक साल में बिछाई गई हैं, उतनी तो कई देशों का कुल नेटवर्क है। अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो रेलवे ने एक साल में जितना रेल नेटवर्क बनाया है उतना तो स्विटजरलैंड जैसे देशों का कुल नेटवर्क है। 2014-2023 तक भारत में अब तक कुल 25,434 किलोमीटर लंबी नई रेल पटरियां बिछाई गईं।
#WATCH | Delhi: Union Minister G Kishan Reddy says, "… To make railway travel accessible, the government has offered subsidies to passengers. Passengers pay only 53% of the ticket cost. 47% subsidy is offered to each passenger travelling in trains… Today India has become the… pic.twitter.com/lF9hyXwhLa
— ANI (@ANI) February 9, 2024
केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, इस 10 साल में बिछाए गए रेल नेटवर्क को एक साल के हिसाब से आप देखेंगे तो पाएंगे कि ये पूरी जर्मनी के रेलवे नेटवर्क के बराबर है। 2013-14 में जो यूपीए सरकार का अंतिम रेल बजट था वो 29055 करोड़ था। लेकिन अब यह वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 2,0052,000 करोड़ का यानि 2.25 लाख करोड़ का बजट पिछले साल भारत सरकार ने रेलवे को अलोकेट किया है। मंत्री ने कहा कि 2004-05 से देखें तो रेलवे बजट 30 गुना बढ़ गया है। जबकि, रेलवे बजट 2013-14 की तुलना में 8 गुना बढ़ गया है।
इसे भी पढ़ें: Pakistan election: बलूचिस्तान में कई जगह धमाके, चुनाव में जमकर धांधली, सड़कों पर उतरे लोग, किया विरोध प्रदर्शन
गौरतलब है कि भारत सरकार रेलवे को आम जनमानस के लिए और अधिक सुविधाजनक और आसान बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
टिप्पणियाँ