Symptoms of Happy Hypoxia: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ‘हैप्पी हाइपोक्सिया’ बीमारी के शिकार हो गए हैं। इसकी जानकारी खुद अशोक गहलोत ने एक्स पर पोस्ट करके दी है जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्हें हैप्पी हाइपोक्सिया है।’हैप्पी हाइपोक्सिया’ सुनने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कौन सी बीमारी है? ‘हैप्पी हाइपोक्सिया’ सुनने के बाद आप सोच रहे होंगे कि यह कौन सी बीमारी है तो हम आपको बता दें कि अगर समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। कोरोना के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। आज इस आर्टिकल की मदद से हम आपको इस बीमारी के लक्षण और कारणों के बारे में बताएंगे।
हैप्पी हाइपोक्सिया में शरीर में ऑक्सीजन कम हो जाती है। इसका मतलब है कि हीमोग्लोबिन फेफड़ों से आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन को अवशोषित करने में सक्षम नहीं है। इस बीमारी में लक्षण पता नहीं चलते। इस कारण इसे साइलेंट हाइपोक्सिमिया या हैप्पी हाइपोक्सिया कहा जाता है। अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकती है।
वैसे तो हैप्पी हाइपोक्सिया के लक्षण नहीं दिखते। इसमें शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है लेकिन जब ऑक्सीजन का स्तर 92 से नीचे चला जाता है तो इसे हाइपोक्सिया माना जाता है। ऐसे में सांस लेने में दिक्कत, पेट संबंधी परेशानियां और इसके अलावा त्वचा पर रैशेज की समस्या भी हो सकती है। कुछ लोग बुखार और खांसी से भी पीड़ित हो सकते हैं। इन सबके अलावा सोचने-समझने की शक्ति भी कम हो सकती है। अगर इलाज न किया जाए तो इससे फेफड़े काम करना बंद कर सकते हैं।
कोविड के बाद गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग लोगों को अधिक खतरा है। इसके साथ ही जो लोग कैंसर से पीड़ित हैं या हृदय या मधुमेह संबंधी समस्या है या कई बीमारियों के शिकार हैं, उन्हें हैप्पी हाइपोक्सिया का खतरा अधिक होता है।
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