नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीसरी बार सत्ता में वापसी पर विश्वास जताते कहा कि मोदी 3.0 विकसित भारत की नींव को मजबूत करने में पूरी शक्ति लगा देगा। प्रमुख घोषणाओं में उन्होंने सौर ऊर्जा के जरिए मुफ्त बिजली, बुलेट ट्रेन, सभी के लिए पाइप से गैस, हर घर में पाइप से पानी और सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने की बात कही।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके अगले कार्यकाल के पांच वर्षों में देश कई क्षेत्रों में उन्नति करेगा। अगले पांच सालों में खेल के क्षेत्र में दुनिया में भारत के युवाओं की ताकत पहचानी जाएगी। सार्वजनिक परिवहन की कायापलट होगी। रूफटॉप सोलर से लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी। बुलेट ट्रेन और वंदे भारत का विस्तार होगा। सेमीकंडक्टर जगत में मेड इन इंडिया की गूंज होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में देश अग्रणी होगा। हमारे गांव के छोटे-छोटे किसानों द्वारा उत्पादित सुपरफूड मोटा अनाज विश्व बाजार में उपलब्ध होगा। ड्रोन किसानों के लिए नई ताकत बनेगा और पशुपालन एवं मछली पालन बढ़ेगा।
प्रधानमंत्री ने सहकारी संघवाद को अपनी सरकार की प्राथमिकता बताया और कहा कि देश का विकास राज्यों के विकास के साथ ही संभव है। अगर राज्य एक कदम चलता है तो हम दो कदम चलते हैं। प्रधानमंत्री ने एकता और एकजुटता के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि अगर शरीर का एक अंग काम ना करे तो पूरा शरीर अपंग माना जाता है लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश को तोड़ने वाली भाषाएं बोली जा रही हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग तरह की परिस्थितियों से मिलने वाला लाभ पूरे देश का है।
उन्होंने देश में कॉर्पोरेट क्षेत्र में होती तरक्की और सरकारी कंपनियां के बढ़ते लाभांश का भी अपने भाषण में विशेष उल्लेख किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस इन सरकारी कंपनियों के खिलाफ भ्रम फैलाने का काम कर रही है। इस संदर्भ में उन्होंने बीएसएनल, एचएएल और एलआईसी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “आपने कहां छोड़ा था और हमने कहां पहुंचा दिया है।” वर्ष 2014 में 234 पीएसयू थे और आज इनकी संख्या 254 हो गई है जिनका लाभांश भी कई गुना बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर देश की संस्कृति को लेकर गलत नैरेटिव गढ़े जाने का आरोप लगाया और कहा कि इसी के चलते लोग अपने संस्कारों को हीन भाव से देखने लगे थे। पार्टी ने देश के अतीत के साथ अन्याय किया है। उन्होंने कांग्रेस पर अंग्रेजों की आजादी के बाद भी देश में गुलामी की मानसिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी रही है। एक समय में पंडित नेहरू ने एससी-एसटी और ओबीसी को नौकरी में आरक्षण मिलने से कामकाज के स्तर के गिरने की बात कही थी। आज कांग्रेस जिन आंकड़ों को गिना रही है उसका मूल यही है। उस समय सरकार में भर्ती और प्रमोशन मिलता तो आज आगे बढ़ते हुए यहां तक पहुंचते। कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर के एससी-एसटी, ओबीसी को 7 दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखा।
आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमें वह सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं जिन्होंने कभी पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण नहीं दिया और बाबा साहब को भारत रत्न योग्य नहीं समझा। केवल एक ही परिवार को भारत रत्न देते रहे। इस संदर्भ में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी एक चिट्ठी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने अपनी चिठ्ठी में लिखा था कि वे आरक्षण को पसंद नहीं करते। इससे अकुशलता बढ़ेगी।
अपने कार्यकाल में आरक्षण की स्थिति का वर्णन करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि उच्च शिक्षा में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों का नामांकन 44 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति का नामांकन 65 प्रतिशत और ओबीसी का नामांकन 45 प्रतिशत बढ़ा है। 10 सालों में एकलव्य स्कूलों की संख्या 120 से बढ़कर 400 हुई है। जनजातीय विश्वविद्यालय एक से दो हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर सत्ता के लालच में लोकतंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया और कहा कि कई बार लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को रातों-रात बर्खास्त कर दिया गया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की लोकसभा में घटती सीटों पर कटाक्ष किया और कहा कि पार्टी की सोच पुरानी हो चुकी है। इसके कारण वह अपना कार्य बाहर से करा रही हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल से चुनौती आई है कि कांग्रेस 40 भी पार नहीं कर पाएगी। वह प्रार्थना करते हैं कि आप 40 बचा पाएं।
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