पाञ्चजन्य की सत्य साधना
May 8, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्लेषण

पाञ्चजन्य की सत्य साधना

पाञ्चजन्य की प्रतियां अयोध्या आंदोलन का सत्य, यथार्थ इतिहास और आंदोलन की वैचारिक प्राण रेखा बनीं।

by WEB DESK
Feb 7, 2024, 11:35 am IST
in विश्लेषण
पाञ्चजन्य (10 तथा 17 जनवरी,2021) एवं पाञ्चजन्य (21 जनवरी,2024)

पाञ्चजन्य (10 तथा 17 जनवरी,2021) एवं पाञ्चजन्य (21 जनवरी,2024)

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

22 जनवरी के दिन न केवल एक ऐतिहासिक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, बल्कि यह सत्य पर टिकी हिंदी पत्रकारिता का भी विजय दिवस है।

विश्व पत्रकारिता में जन आंदोलन एवं राष्ट्र के समय परिवर्तन का साक्षी बन वैचारिक योगदान देते हुए सफलता के नए प्रतिमान तय करने में पाञ्चजन्य की जो भूमिका रही उसका कोई सानी नहीं। पाञ्चजन्य की प्रतियां अयोध्या आंदोलन का सत्य, यथार्थ इतिहास और आंदोलन की वैचारिक प्राण रेखा बनीं। इसलिए श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मुहूर्त पर वर्तमान संपादक हितेश शंकर जी से मिलना आंखों को भिगो गया।

पिछले 30 वर्ष का संघर्ष वृत्त चित्र की तरह क्षणांश में आंखों में उतर गया। अयोध्या आंदोलन में भाषायी भारतीय पत्रकारिता ने सत्य और जनसंघर्ष का साथ देने की भारी कीमत चुकाई। मैं संपूर्ण राम जन्मभूमि आंदोलन के समय पाञ्चजन्य का मुख्य संपादक था और आंदोलन को वैचारिक बल तथा संघर्ष का सत्य वृत्त देने का दायित्व हम पर था। मुलायम सिंह ने घोषित कर दिया था कि अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता। सुभाष जोशी नाम के खूंखार आई. पी. एस. को वहां एस.एस.पी. के रूप में तैनात किया था।

विश्व हिंदू परिषद के संगठन सेनापति अशोक सिंहल जी को अयोध्या जाना था। वे पाञ्चजन्य का संवाददाता पहचान पत्र मुझसे बनवा करके गए। गन्ने के खेतों में वीर सत्याग्रही कारसेवकों ने रात बिताकर अयोध्या प्रवेश का जोखिम उठाया। अंग्रेजी के पत्रकार खुलेआम हिंदू विरोध पर उतर आए थे और पाञ्चजन्य जैसे हिंदी अखबारों की अयोध्या की सत्य रिपोर्टिंग के लिए आलोचना करते थे। केवल हिंदी पत्रकारों ने रक्तरंजित अयोध्या की आंखों देखी रिपोर्टिंग करने का साहस दिखाया था।

कोठारी बंधुओं सहित बड़ी संख्या में अयोध्या में निहत्थे कारसेवकों को मुलायम सिंह की पुलिस ने मारा और सब्जियों के ठेलों पर लाशें बांधकर सरयू में फेंका। मैं और आगे चलकर आर्गनाइजर के संपादक बने बालाशंकर हनुमानगढ़ी में सुबह 30 अक्तूबर को थे। हमारी आंखों के सामने एस. एस. पी. सुभाष जोशी कारसेवकों की बुरी तरह पिटाई करने लगे। हम दोनों ने जोशी का सामना किया, जो भी कठोर शब्द हो सकते थे, सुनाए। वह खिसिया कर वापस चला गया। पाञ्चजन्य में उसकी रिपोर्टिंग की।

अयोध्या संघर्ष हमारे लिए सत्य रिपोर्टिंग का प्राण घातक संघर्ष बन गया था। पाञ्चजन्य की आफसेट पर पाइरेटेड प्रतियां छापी गईं। उधर वैचारिक अस्पृश्यता, हिंदू विचारधारा के विरुद्ध सेकुलर अंग्रेजी पत्रकारों का खुलेआम हमला, अयोध्या समर्थकों के लिए भीषण गलियों का उपयोग, रामजन्मभूमि पर शौचालय बनाने के सुझाव दिए जाते थे। अयोध्या में सत्य की विजय ने उन सबको आज मंदिर का समर्थन करने पर विवश कर दिया है, जो भारतीय भाषाई पत्रकारिता की जीत है।

उस अध्याय को लिखा जाना शेष है। अयोध्या में सत्य और सत्ता में संघर्ष हुआ, सत्ता भारतीय सत्याग्रही कारसेवकों पर जुल्म छिपाना चाहती थी। कलम का धर्म था सत्ता के अहंकार को तोड़ने हेतु सच को बताना। अयोध्या के मार्ग में बढ़ रहे कारसेवकों को इतनी बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया गया कि सब्जी मंडी खाली कराकर बाड़ेबंदी की गई। वहां जब मैं रिपोर्टिंग के लिए गया तो गिरफ्तार किए गए आचार्य विष्णुकांत शास्त्री बोले, ‘देखो रामलला का खेल, सब्जी मंडी बन गयी जेल।’ हिंदी के पत्रकारों ने जान की बाजी लगाकर यह काम किया, वरना बाबरी के मनहूस झूठ को वोट बैंक राजनीति कभी उजागर न होने देती। उस समय मोबाइल फोन नहीं थे, लेकिन वीडियो कैमरों की पत्रकारिता में साधना, न्यूज ट्रैक जैसे इलेक्ट्रॉनिक चैनलों और हिंदी की लिखित रिपोर्टिंग ने हिंदू विरोधी घृणा फैलाने वालों के कपट को चलने नहीं दिया। 22 जनवरी के दिन न केवल एक ऐतिहासिक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई, बल्कि यह सत्य पर टिकी हिंदी पत्रकारिता का भी विजय दिवस है।

पाञ्चजन्य (28 जनवरी,2024) एवं पाञ्चजन्य (24 फरवरी,2024)

अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा के समय पाञ्चजन्य के वर्तमान संपादक श्री हितेश शंकर मिले तो हृदय भर आया। वह समय पाञ्चजन्य के उस सातत्य का साक्षी बना, जो राष्ट्रीयता के संघर्ष को जन-मन से जोड़ने के लिए 75 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुआ था। अटल जी जब संपादक थे तो उसका शीर्षक था- ‘कश्मीर हमारा है, हमारा ही रहेगा!’ उनकी प्रसिद्ध कविता -‘हिंदू तन मन हिंदू जीवन रग रग हिंदू मेरा परिचय’ पाञ्चजन्य में ही छपी थी। उसके बाद अनेक मील के पत्थर पार किए।

संसद पर संन्यासियों के गोरक्षा प्रदर्शन पर कांग्रेस सरकार द्वारा गोलीबारी, जिसमें सैकड़ों संन्यासी मारे गए। कच्छ आंदोलन, मीनाक्षीपुरम और विराट हिंदू सम्मेलन, गंगा एकात्मता यात्रा, राम जन्मभूमि आंदोलन, सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा और कारगिल विजय, कन्वर्जन व जिहादी खतरे, खालिस्तानी षड्यंत्र, 2014 में राजनीतिक कालचक्र का परिवर्तन, और फिर अयोध्या जी में रामलला विराजमान। भारत में सनातन धर्म के संघर्ष और राष्ट्रीयता के सूर्योदय की यात्रा पाञ्चजन्य की यात्रा है। हमने वैचारिक अस्पृश्यस्ता का कठिनतम दौर देखा, लेकिन संघ की पुण्याई का बल लेकर कलम का धर्म निभाया। अयोध्या प्रतिश्रुति उसमें साक्षी है। यही कुल जमा पूंजी है अग्निधर्मा पाञ्चजन्य की। यही यात्रा जारी रहेगी, यही हमारा अयोध्या संकल्प है।

इस खबर को भी पढ़ें- रक्तरंजित सरयू से दीप प्रज्ज्वलित सरयू तक

Topics: अयोध्या आंदोलनAyodhya Movementmanasश्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठाShri Ram Mandir Pran Pratishthaकश्मीर हमारा है-हमारा ही रहेगाभारत में सनातन धर्मKashmir is ours-will remain oursSanatan Dharma in India#panchjanyaपाञ्चजन्य
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वक्फ संशोधन विधेयक : तुष्टीकरण की राजनीति पर संवैधानिक अंकुश

राज कुमार भाटिया को प्रदान किया गया प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

राज कुमार भाटिया को मिला पहला प्रो. देवेन्द्र स्वरूप सम्मान

Panchjanya Manthan CM Yogi Aaditynath Sanatan Dharma

औरंगजेब पर सीएम योगी की खरी-खरी: विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन बंद करें नहीं तो संभल जैसा सच सामने आएगा

अमृत अभिजात जी

महाकुंभ में CM योगी आदित्यनाथ की पहल: पुलिस प्रशिक्षण और जनता के व्यवहार से मिली सफलता- अमृत अभिजात

अवनीश कुमार अवस्थी

महाकुंभ 2025: भारतीय संस्कृति, भव्यता और विश्वस्तरीय आयोजन की नई मिसाल- अवनीश कुमार अवस्थी

उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने महाकुंभ की सफलता पर पाञ्चजन्य को दी बधाई,जन-जन तक संदेश पहुंचाने की सराहना

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

राफेल पर मजाक उड़ाना पड़ा भारी : सेना का मजाक उड़ाने पर कांग्रेस नेता अजय राय FIR

घुसपैठ और कन्वर्जन के विरोध में लोगों के साथ सड़क पर उतरे चंपई सोरेन

घर वापसी का जोर, चर्च कमजोर

‘आतंकी जनाजों में लहराते झंडे सब कुछ कह जाते हैं’ : पाकिस्तान फिर बेनकाब, भारत ने सबूत सहित बताया आतंकी गठजोड़ का सच

पाकिस्तान पर भारत की डिजिटल स्ट्राइक : ओटीटी पर पाकिस्तानी फिल्में और वेब सीरीज बैन, नहीं दिखेगा आतंकी देश का कंटेंट

Brahmos Airospace Indian navy

अब लखनऊ ने निकलेगी ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल : 300 करोड़ की लागत से बनी यूनिट तैयार, सैन्य ताकत के लिए 11 मई अहम दिन

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ

पाकिस्तान की आतंकी साजिशें : कश्मीर से काबुल, मॉस्को से लंदन और उससे भी आगे तक

Live Press Briefing on Operation Sindoor by Ministry of External Affairs: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस

ओटीटी पर पाकिस्तानी सीरीज बैन

OTT पर पाकिस्तानी कंटेंट पर स्ट्राइक, गाने- वेब सीरीज सब बैन

सुहाना ने इस्लाम त्याग हिंदू रीति-रिवाज से की शादी

घर वापसी: मुस्लिम लड़की ने इस्लाम त्याग अपनाया सनातन धर्म, शिवम संग लिए सात फेरे

‘ऑपरेशन सिंदूर से रचा नया इतिहास’ : राजनाथ सिंह ने कहा- भारतीय सेनाओं ने दिया अद्भुत शौर्य और पराक्रम का परिचय

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies