कर्णावती। जिहाद का शिकार हुई केरला की श्रुति ने अपने अनुभव साझा करते हुए यह कहा, “बच्चों में सनातन धर्म के प्रति ज्ञान का अभाव कन्वर्जन की सबसे बड़ी वजह बनता है। इसी अज्ञानतावश 11 साल पहले मेरा इस हद तक ब्रेनवॉश किया गया कि मैंने कानूनी तौर पर कन्वर्जन कर में जिहादी बन गई।”
कुछ समय पहले बॉलीवुड में ‘दी केरला स्टोरी’ नाम की फ़िल्म आई थी जो सत्य घटना पर आधारित थी। इस फ़िल्म में जिन लड़कियों की कहानी दिखाई गई है वही चार लड़कियां अमदाबाद में विश्व उमिया धाम की महमान बनी थी। पाटीदार लड़कियां लव जिहाद का शिकार न हों, इसलिए जागरुकता के लिए यह वार्तालाप आयोजित किया गया था। इस वार्तालाप में अपने अनुभव को साजा करते हुए केरला की श्रुति ने कहा कि मैंने कन्वर्जन करके अपना नाम भी बदल लिया था, लेकिन मेरे साथ जो हुआ वह लव जिहाद नहीं था। कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद वहां पर ज्यादातर वीधर्मी छात्र ही अभ्यास कर रहे थे। वह मुझे सनातन धर्म के बारे में सवाल करते, लेकिन अज्ञानता की वजह से मैं जवाब नहीं दे पाती थी तब वह अपने मजहब को सर्वोच्च कहते थे।
उनकी बातों में आकर मैंने अपना घर परिवार सब छोड़ दिया और केरला के मल्लपुरम में कन्वर्जन कचहरी में जाकर अपना धर्म औऱ नाम भी बदल दिया। मैं एक अध्यापिका थी, लेकिन बाद में मैंने नौकरी छोड़ दी थी। मैं इस हद तक जिहादी बन गई थी कि एक बार मैंने अपनी मां पर हाथ उठाया था। उस वक्त मेरे परिवार ने पुलिस को बुलाया था और बाद मे मुझे सनातन धर्म सिखाने वाली संस्था में भेज दिया गया। वहां पर मैं सनातन धर्म के सवालों के जवाब उनके धर्म के हिसाब से देती थी इस हद तक मेरा ब्रेनवॉश किया गया था, लेकिन सही समय पर मैं अटक गई और आज दूसरी लड़कियों को जिहादी बनने से रोक रही हूं।
साथ काम करने वाले विधर्मियों ने मुजे भड़काया : वैशाली शेट्टी
अन्य पीड़ित युवती वैशाली शेट्टी ने कहा कि मेरी ऑफिस में ज्यादातर विधर्मी लोग काम करते थे और उन्होंने मुझे अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ बताया। उनकी बातों में आकर मेरे आचार, विचार और रहन-सहन भी बदल गए। मुझे सनातन धर्म से नफरत होने लगी थी, लेकिन फिर मेरे माता-पिता ने मुझे सनातन धर्म सिखाने वाली संस्थाओं में भेजा जहां जाकर मेरी आंखें खुली। साथी कर्मचारियों के द्वारा भी ब्रेनवॉश किया जा सकता है इसलिए लड़कियां ही नहीं, लड़कों को भी जागरूक होना जरूरी है।
केरला में कन्वर्जन के अनेक किस्से सामने आए हैं, जिसमें हिंदू युवक युवतियों को अपने धर्म से नफरत करवाकर अन्य समुदाय अपनाने को कहा जाता है। इस प्रकार कन्वर्जन करने वाले लड़के-लड़कियों को बाद में आतंकवाद में धकेल दिया जाता है। अभी तक 7500 लोग जिहाद के शिकार बने हैं, लेकिन बाद में उन्होंने अपने धर्म में घर वापसी भी की है। जिहादी से सनातन धर्म में घर वापसी करने वाली 25 से ज्यादा महिलाएं आज केरल में आर्ष विद्या समाज से जुड़कर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रही है।
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