देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संहिता बिल (कॉमन सिविल कोड) पेश कर दिया है। इसका ड्रॉफ्ट बनाने में 20 महीने का समय लगा। बिल पेश करते समय विधानसभा में जय श्रीराम का उद्घोष भी हुआ।
उत्तराखण्ड में कॉमन सिविल कोड का ड्रॉफ्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में बनी समिति ने तैयार किया है। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। रिपोर्ट में समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित किए गए थे। 8 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। समिति को विभिन्न माध्यमों से 2,32,961 सुझाव प्राप्त हुए, जोकि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें हुईं।
वहीं, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) कुछ नहीं, मुसलमानों को इस्लाम से दूर किया जाएगा।
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