उत्तराखंड विधानसभा में आज कॉमन सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) बिल पेश किया जाएगा। उत्तराखंड सरकार यूसीसी को लेकर प्रतिबद्ध है। इस कानून से महिलाओं और बेटियों को काफी फायदा होगा। वहीं मुस्लिम समुदाय के नेता इसका विरोध कर रहे हैं। एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी का भी इस पर बयान आया है। उन्होंने एक समाचार चैनल के साथ विशेष बातचीत में कहा कि यह मुस्लिमों को इस्लाम से दूर करने का प्रयास है।
असदुद्दीन ओवैसी समान नागरिक संहिता का शुरुआत से ही विरोध कर रहे हैं। यूसीसी बिल आज उत्तराखंड विधासभा में पेश होगा। इससे पहले आज तक से विशेष बातचीत में ओवैसी ने ज्ञानवापी समेत कई विषयों पर बात की। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) कुछ नहीं, मुसलमानों को इस्लाम से दूर किया जाएगा।
2 लाख से ज्यादा सुझाव आए थे
उत्तराखण्ड में कॉमन सिविल कोड का ड्रॉफ्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में बनी समिति ने तैयार किया है। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। रिपोर्ट में समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित किए गए थे। 8 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। समिति को विभिन्न माध्यमों से 2,32,961 सुझाव प्राप्त हुए, जोकि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने हेतु समिति की 72 बैठकें हुईं।
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