मुम्बई के घाटकोपर से जिस मुफ्ती सलमान अल अजहरी को भड़काऊ मामले में गुजरात एटीएस ने हिरासत में लिया है, वह अब कई वीडियो को लेकर प्रश्नों के दायरे में है। कल हालांकि इस मामले को राजनीतिक रंग देने के लिए एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने अजहरी से मुम्बई में थाने में मुलाकात की थी, और यह कहा था कि मौलाना ने कुछ भी गलत नहीं कहा था।
जिस वीडियो को लेकर उसे हिरासत में लिया गया है, उसके विषय में कई समर्थकों का कहना था कि उन्होंने किसी समुदाय का नाम नहीं लिया था, फिर हिन्दू लोगों को बुरा क्यों लगा? मगर क्या जो वीडियो वायरल हुआ, उसे ठीक से सुना था किसी ने? उस घटना के कई वीडियो अब वायरल हो रहे हैं, जिसमें एक वीडियो में अजहरी प्रभु श्रीराम के मंदिर पर भी भड़काऊ बयानबाजी करते हुए कह रहा है कि किसी मस्जिद में बुत रख देने से बुतखाना नहीं बन जाती। एक बुत की बात क्या है, काबा में तो पूरे 360 रखे थे। और यह भी भड़काते हुए कह रहा है कि इन्कलाब तुम्हारे घर से आएगा।
Salman Azhari is detained for hate speech.
Its not just about the 'kutton ka waqt' couplets. I've watched his 56min video. Throughout inciting against "kafirs" for no reason & fuling communal tension over the Ram Mandir & other subjudice title cases.pic.twitter.com/MXzJTM8j5S
— The Hawk Eye (@thehawkeyex) February 4, 2024
बात केवल कुत्तों का दौर जैसे मुहावरे तक सीमित नहीं है, बात उस घातक मानसिकता की है, जो अपने अलावा सभी को काफिर समझती है। काफिर की परिभाषा बहुत व्यापक है और इसमें आवश्यकतानुसार बदलाव भी कर लिया जाता है। जैसे पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को काफिर समझा जाता है। अब सलमान अल अजहरी, जिसके फॉलोअर्स लाखों में हैं, उसके पुराने नफरती वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में वह हिन्दुओं को गोबरखोर कहते हुए दिखाई दे रहा है
Thread 🧵#MuftiSalmanAzhari is a repeat offender and regularly makes hate speeches against Hindus.
1. Using Anti Hindu slurs to appease his followers. pic.twitter.com/9NEqGA5HNY
— Incognito (@Incognito_qfs) February 5, 2024
वह औरंगजेब का नाम लेकर हिन्दुओं का मजाक उड़ा रहा है! जबकि हर कोई जानता है कि औरंगजेब ने हिन्दुओं के साथ क्या किया था? कितने मंदिरों को तोड़ा था और कितने हिन्दुओं को मरवाया था। उसके भीतर गजवा-ए-हिन्द को लेकर तमन्ना है।
एक और पुराना वीडियो है, जिसमें हिन्दुओं को धमकी देते हुए मुफ्ती सलमान अजहरी यह कह रहा है कि यह सच है कि तख्तेताज आज तुम्हारे पास है, लेकिन हमारा भी दौर आएगा। अंग्रेजों के लिए वह कह रहा है कि तुम्हारे नाजायज बाप अंग्रेज भी 200 साल पहले यही सोचते थे कि हिन्दुस्तान से इस्लाम ख़त्म हो जाएगा, मगर आज उनका नाम लेने वाला नहीं बचा है, तुम भी इंतजार करो
This speech by Mufti Salman Azhari is ok? Isn't he encouraging STSJ? Isn't he talking about taking laws in hands?
I just want to know what if any Hindu leader gives a similar speech?
We should trend #IStandWithGujaratPolice. We are proud of them! pic.twitter.com/lMpFSyCaj2
— Mr Sinha (@MrSinha_) February 5, 2024
ये वीडियो हैरान करने वाले अवश्य हैं, परन्तु अप्रत्याशित नहीं कहे जा सकते हैं क्योंकि ऐसी भड़काऊ तहरीरें लगातार ही हिन्दुओं को लेकर की जाती रही हैं और ऐसे कई मौलवी और मौलानाओं के वीडियो आए दिन वायरल होते हैं।
1921 में जब केरल के मालाबार हिन्दुओं का जीनोसाइड कट्टरपंथी मोपला मुस्लिमों ने किया था, तो उसके पीछे भी ऐसी ही भावनाएं थीं। पंद्रहवीं शताब्दी में आए एक पुर्तगाली यात्री बर्बोसा ने लिखा है कि अगर पुर्तगाली भारत में व्यापार करने के लिए नहीं आते तो मालाबार मुस्लिमों के हाथों में लगभग चला ही गया था और जल्दी ही वहां पर एक मुस्लिम शासक होता। यह तो उसने उन मुस्लिमों के बारे में लिखा था, जो मतांतरित हुए थे। मगर वह विदेशी मुस्लिमों के बारे में लिखता है कि कालीकट में कई परदेसी मुस्लिम भी हैं, जो अरब, पारसी मूल के हैं। और फिर वह लिखता है कि वह अपना सामान यहां लाकर खरीदते-बेचते हैं। जहां वह रहते हैं वहां पर उनका अपना शासक है, जो शासन करता है और राजा के हस्तक्षेप के बिना वह सजाएं देता है। पुर्तगालियों के भारत आने से पहले वहां पर इतने ज्यादा और स्वतंत्र इलाके थे, जहां पर हिन्दू प्रवेश तक नहीं कर सकते थे।
इस उदाहरण से यह समझा जा सकता है कि यूरोपीय शक्तियों और फिर अंग्रेजों के भारत में आने से “गजवा-ए-हिन्द” के उस सपने को धक्का लगा, जो कट्टरपंथी देख रहे थे। अंग्रेजों को हिन्दुओं का नाजायज बाप इसीलिए मौलाना अजहरी कह रहा है क्योंकि एक बहुत बड़े वर्ग का यह मानना है कि यदि अंग्रेज नहीं आते या कहें यूरोपीय शक्तियां भारत में नहीं आतीं तो गजवा-ए-हिन्द पूरा हो जाता। जो भी लोग यह कह रहे हैं कि कहा ही क्या है, उन्हें मौलाना के पुराने वीडियो देखकर उस सोच को समझना होगा, जो गैर-मुस्लिमों को काफिर कहती है और एक और बात मुफ्ती ने अपने लोगों को भड़काते हुए कही थी कि मुस्लिम यमन, फिलिस्तीन आदि में प्रताड़ित होते हैं और इशारा गैर-मुस्लिमों की तरफ था। तो यह पूछा जाना चाहिए कि आखिर जब पाकिस्तान और ईरान में झड़प होती है तो कौन काफ़िर है, जब आईएसआईएस अफगानिस्तान में मस्जिदों में धमाके करवाता है तो उसमें कौन काफिर है, और जब पाकिस्तान में शिया मस्जिदों में बम धमाके होते हैं तो उसमें किस ओर काफिर है, यमन में जो लोग मारे जा रहे हैं, उन्हें आखिर मार कौन रहा है? फिलिस्तीन से आम मुस्लिमों को आखिर कोई मुस्लिम देश शरण क्यों नहीं दे रहा है? क्यों म्यांमार से भागे रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए इंडोनेशिया जैसे मुस्लिम देश अपने दरवाजे बंद कर रहे हैं? मगर इन सवालों को कोई पूछता नहीं है और मुफ्ती सलमान अजहरी जैसे भड़काने वाले लोग अपने मकसद में सफल हो जाते हैं, क्योंकि सलमान अजहरी ने कहा ही है कि वह लोग परवाने हैं और परवाने तो पैदा ही मरने के लिए होते हैं! बस वे मरते किस पर हैं और मारते किसे हैं, मुद्दा यही है!
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