केजरीवाल को राहत नहीं, मानहानि मामला रद्द करने से हाई कोर्ट का इंकार, अपमानजनक सामग्री री-ट्वीट करना मानहानि के बराबर

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WEB DESK

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच ने भाजपा आईटी सेल को लेकर यू-ट्यूबर ध्रुव राठी के ट्वीट को री-ट्वीट करने पर केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया।

हाई कोर्ट ने कहा कि किसी के बारे में अपमानजनक सामग्री को री-ट्वीट करना मानहानि के बराबर है।अरविंद केजरीवाल के अच्छी-खासी संख्या में फॉलोअर्स हैं और वो वीडियो को री-ट्वीट करने के नतीजों को बखूबी समझते हैं। अगर एक राज्य का मुख्यमंत्री किसी ट्वीट को बिना वेरिफाई किये री-ट्वीट करता है तो ये मानहानि वाले कंटेंट को बढ़ावा देना ही है। हाई कोर्ट ने इस केस में अरविंद केजरीवाल को तलब करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।

इसके पहले 30 अक्टूबर, 2019 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने विकास सांकृत्यायन की आपराधिक मानहानि शिकायत पर समन जारी किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केजरीवाल की अर्जी खारिज कर दी है। सेशंस कोर्ट के आदेश को केजरीवाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

ट्रायल कोर्ट में अपनी शिकायत में विकास ने कहा है कि उनके खिलाफ गलत आरोप वाले ट्वीट को केजरीवाल ने भी री-ट्वीट किया था। विकास ने कहा है कि वो आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी नाम का सोशल मीडिया पेज चलाते हैं और उसके संस्थापक हैं। इस पेज में तथ्यपरक जानकारी दी जाती है, जिसकी वजह से ये पेज सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों की पसंद है। याचिका में कहा गया है कि ध्रुव राठी नामक एक व्यक्ति जो अपने को इंजीनियर कहता है, जर्मनी में रहता है। वो देश-विदेश में यूट्यूब चैनल चलाता है, जिसके 16 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं।

याचिका में कहा गया है कि 6 मई, 2018 को ध्रुव राठी के यू-ट्यूब चैनल पर पर भाजपा आईटी सेल पार्ट-2 नामक एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें कई झूठी और अपमानजनक बातें कही गई थीं। उसमें कहा गया था कि विकास सांकृत्यायन भाजपा आईटी सेल का सेकंड-इन-कमांड है। उसमें विकास पर आरोप लगाया गया है कि आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी पेज के जरिये फेक यानी झूठी खबरें प्रसारित की जाती हैं। वीडियो में कहा गया है कि विकास पांडे ने किसी अभिषेक मिश्रा के जरिये महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश की थी।

विकास ने अपनी याचिका में कहा है कि वीडियो में लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। इन आरोपों से समाज में उनकी छवि खराब हुई है। इसी वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना उसकी तहकीकात किए री-ट्वीट कर दिया। इस मामले में विकास और अभिषेक कुलश्रेष्ठ ने अपने बयान दर्ज कराए थे। विकास ने अपनी याचिका के पक्ष में ट्वीट किए गए वीडियो की पूरी ट्रांसक्रिप्ट कोर्ट में पेश की थी, जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को समन करने का आदेश दिया था।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

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