उत्तर प्रदेश के अबतक के सबसे बड़े बजट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान श्रीराम को समर्पित किया है। सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट 2024-25 प्रस्तुत किये जाने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम लोकमंगल के पर्याय हैं और इस बजट के आदि, मध्य और अंत में श्रीरामलला ही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश के समग्र और संतुलित विकास का दस्तावेज है, जिससे प्रदेश की समग्र संकल्पनाओं को पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उत्सव, उद्योग और उम्मीद को नये यूपी की तस्वीर बताया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार का ये आठवां बजट है। उनकी सरकार के पिछले सभी बजट किसी ना किसी थीम को लेकर प्रस्तुत किये गये हैं। 2017-18 का बजट जहां अन्नदाता किसानों को समर्पित था, वहीं 2018-19 का बजट इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्रियल विकास, 2019-20 का बजट मातृशक्ति और महिला सशक्तिकरण को समर्पित, 2020-21 का बजट युवा ऊर्जा को समर्पित, 2021-22 का बजट स्वावलंबन से सशक्तिकरण को समर्पित, 2022-23 का बजट अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता को समर्पित, 2023-24 का बजट त्वरित एवं सर्वसमावेशी विकास को समर्पित रहा है। वहीं 2024-25 का बजट प्रभु श्रीराम को समर्पित करते हुए लोक मंगल की भावना को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है। तुलसीदास जी के शब्दों में
एही महं आदि मध्य अवसाना । प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना ।।
यानी बजट के शुरुआत, मध्य और अंत में श्रीराम हैं। बजट के विचार, और इसके संकल्प में श्रीराम हैं।
पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना को पांचवीं बार बजट प्रस्तुत करने के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार का ये आठवां बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा ₹7,36,437.71 करोड़ का बजट है। सीएम योगी ने कहा कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित इस बजट में 2023-24 की तुलना में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रदेश के बजट के आकार में हुई बढ़ोतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने, डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता, प्रधानमंत्री के विजन सबका साथ सबका विश्वास, सबका विकास और सबका प्रयास पर आधारित है।
सीएम ने बजट के महत्वपूर्ण बिंदुओं को गिनाते हुए बताया कि पहली बार 2 लाख 3 हजार 782 करोड़ 38 लाख रुपये के कैपिटल एक्सपेंडीचर का प्रावधान किया गया है। यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पैसे खर्च होंगे तो ना केवल रोजगार का सृजन होगा बल्कि अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि 2016-17 में जहां प्रदेश की जीडीपी 12 लाख करोड़ रुपए की थी, वो 2024-25 में 25 लाख करोड़ रुपए यानी दोगुनी से अधिक हो चुकी है। साथ ही प्रतिव्यक्ति आय को दोगुना करने में भी उनकी सरकार को सफलता मिली है। आज यूपी देश की नंबर दो की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बन चुका है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है क्योंकि सरकार ने ना केवल कर चोरी को रोका है, बल्कि रेवेन्यु लिकेज को समाप्त करने के लिए जो भी उपाय हो सकते थे उसे सरकार के विभिन्न विभागों ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ किया है। यही कारण है कि यूपी आज एक रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बन चुका है। पिछले सात साल में राजस्व में कई गुना वृद्धि हुई है। इसके लिए ना तो कोई अतिरिक्त कर लगाया गया और ना ही आम आदमी पर बोझ बढ़ाया गया, यही नहीं इस दौरान लोकमंगल की तमाम योजनाएं भी बड़े पैमाने पर संचालित किये गये।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी खुशी व्यक्त की कि रिजर्व बैंक के द्वारा राजकोषीय घाटे की लिमिट 3.5 की सीमा के अंदर ही उत्तर प्रदेश का राजकोषीय घाट (3.46) है। ये इस बात को प्रदर्शित करता है कि सरकार का विजन सुरक्षा, विकास और सुशासन के साथ साथ बजट में राजकोषीय अनुशासन का भी है। उन्होंने बताया कि पिछले सात साल में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में भी सरकार को सफलता मिली है। 2016-17 में प्रदेश में बेरोजगारी दर 19.2 प्रतिशत थी, जो आज घटकर 2.4 प्रतिशत हो गई है। रोजगार के नये अवसर और औद्योगिक निवेश के नये वातावरण का सृजन हुआ है, एमएसएमई यूनिट को पुनर्जीवित किया गया है। साथ ही ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान जैसी योजनाओं ने यूपी को देश में नई पहचान दिलाई है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गरीब कल्याण, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए बजट में किये गये महत्वपूर्ण प्रस्तावों की भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि बजट में 24,863.57 करोड़ रुपए की नई परियोजनाएं शामिल की गई हैं। युवाओं के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना के तहत 5 लाख रुपए ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा रोजगार प्रोत्साहन कोष का गठन, जिसमें ट्रेनिंग, इंटर्नशिप और अपरेंटिसशिप की व्यवस्था की गई है। वाराणसी में राजकीय फैशन टेक्नोलॉजी संस्थान की स्थापना, 2 मेगा राजकीय आईटीआई की स्थापना, 69 आईटीआई के अपग्रेडेशन। स्पोर्ट साइंस एंड इंजरी सेंटर की स्थापना, वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष की स्थापना, 22 हजार मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में डेवलप किया जाना भी बजट के महत्वपूर्ण प्रस्ताव हैं।
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में बुदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन की कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रयास किया गया है। 46 साल बाद प्रदेश के अंदर नया शहर बनेगा, जो कानपुर और झांसी के बीच बनेगा। इसके साथ ही यूपी में स्पिरिचुअल टूरिज्म जिसमें अयोध्या, काशी, मथुरा, नैमिष, विंध्याचल, देवीपाटन और बरेली में नाथ कॉरीडोर की थीम पर आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, प्रयागराज में कुंभ संग्रहालय के लिए बजट का प्रावधान किया गया है। आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के लिए धनराशि की व्यवस्था, अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध केंद्र की स्थापना, कृषि एक प्राथमिक सेक्टर में किसानों के लिए मुख्यमंत्री खेत सुरक्षा योजना, प्रदेश में राज्य कृषि योजना भी प्रस्तावित है। साथ ही साथ प्रदेश में निजी नलकूप किसानों को बिजली उपलध कराने के लिए धनराशि का प्रावधान किया गया है। ग्लोबल वार्मिंग से कृषि को प्रभावित होने से बचाने के लिए ऑटोमेटिक रेन गेज की स्थापना हर ग्राम पंचायत में स्थापित की जाएगी।
बजट भाषण में शुरू से लेकर अंत तक अयोध्या की गौरवभूमि का रहा उल्लेख
‘मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम का जीवन हजारों वर्षों से भारत और विश्व को महत्तर जीवन आदर्शों की ओर अग्रसर होने को प्रेरित करता रहा है। पिता के वचन का मान रखने के लिये समस्त राजसी वैभव को निःसंकोच त्याग कर वनवास के लिये प्रस्थान करना और दुष्टों और अधर्मियों का दृढ़तापूर्वक दलन करना ऐसे राजधर्म का अनुपम उदाहरण कहीं और नहीं मिलता।’ अयोध्या गौरवभूमि की आत्मा प्रभु श्रीराम का नाम लेकर इन्हीं शब्दों के साथ न केवल योगी सरकार ने बजट 2024-25 को विधानसभा में पेश किया, बल्कि पूरे भाषण के दौरान बार-बार प्रभु श्रीराम और अयोध्या का उल्लेख होता रहा। नव्य-भव्य व दिव्य अयोध्या धाम के त्रेतायुगीन वैभव को लौटाने का कार्य कर रही योगी सरकार ने संपूर्ण अयोध्या मंडल में विकास के नए अध्याय की नींव बजट भाषण में रखी। योगी सरकार द्वारा वार्षिक बजट 2024-25 में अयोध्या धाम समेत पूरे मंडल के विकास का जो खाका खींचा गया है उसके केंद्र में अयोध्या में पहुंच मार्गों के विस्तार व सौंदर्यीकरण, पर्यटक-जन सुविधाओं के विकास समेत महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विस्तार जैसी बड़ी परियोजनाएं शामिल रहीं।
इन परियोजनाओं पर अयोध्या में वर्ष 2024-25 में रहेगा मुख्य फोकस —
● जनपद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दृष्टिगत पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की संख्या में सम्भावित वृद्धि के दृष्टिगत 3 पहुंच मार्गों का चैड़ीकरण/सौन्दर्यीकरण का कार्य एवं 6 स्थानों पर पार्किग तथा जन सुविधाओं का विकास कार्य किया जा रहा है।
● अयोध्या में ‘महर्षि वाल्मीकि अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अयोध्या धाम‘ का विकास कराया गया है। अयोध्या में एयरपोर्ट की स्थापना एवं विस्तार हेतु 150 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
● अन्तरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान अयोध्या हेतु 10 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
● अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, लखनऊ, विन्ध्याचल, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर, मथुरा, बटेश्वर धाम, गढ़मुक्तेश्वर, शुकतीर्थ धाम, माँ शाकुम्भरी देवी, सारनाथ एवं अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का पर्यटन विकास एवं सौन्दर्यीकरण के कार्य कराये जा रहे हैं।
● ‘‘मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना‘‘ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसित किए जाने की योजना है। इस क्रम में अयोध्या मंडल के जनपदों में भी धार्मिक व पर्यटन क्षेत्रों के समेकित विकास को सुनिश्चित करने का खाका खींचा गया है।
अयोध्या की इन उपलब्धियों का हुआ बजट 2024-25 में उल्लेख—
● मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के भव्य मन्दिर का अयोध्या में निर्माण होने से प्रदेश में सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिला है तथा धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाओं में वृद्धि हुई है।
● वैश्विक पर्यटन केंद्र के तौर पर अयोध्या स्थापित हो गई है। यहां पर भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे प्रदेश समेत देश की आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिल रहा है।
● प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया था। इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वल्र्ड रिकार्ड बनाया गया जो अयोध्या के गौरव में वृद्धि करने वाला क्षण रहा।
बार-बार हुआ अयोध्या का उल्लेख–
सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अयोध्या में भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में किये गये प्रबन्धों की सराहना देश-दुनिया से आये अतिथियों ने की है। सीएम ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी के भव्य मन्दिर का अयोध्या में निर्माण होने से हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिला है। अयोध्या विश्व का बहुत बड़ा पर्यटन केन्द्र बन गया है, यहां पर भारत और विदेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में बहुत बड़ा इजाफा हुआ है, जिससे हमारी आर्थिक स्थिति को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी सरकार की प्रतिबद्धा का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि यह कहा जाये कि आज हमारे प्रदेश का शासन कहीं न कहीं रामराज्य की अवधारणा से अनुप्रेरित है और सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर है तो यह अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन वृहद स्तर पर किया गया था। इस अवसर पर राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीप जलाकर गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया गया जो अयोध्या के वैभव को साकार करने का माध्यम बन रहा है।
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