प्जरमीन घोटाले के मामले में गिरफ्तार हो चुके झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में दर्ज किए गए केस के खिलाफ ईडी ने झारखंड हाई कोर्ट में अपील की है।
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समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी ने अपने अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती देते हुए झारखंड हाई कोर्ट का रुख किया है। यह याचिका 3 फरवरी को ही दायर की गई थी।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए कई बार समन भेजे। करीब 10 समन भेजने के बाद भी वो जांच के लिए पेश नहीं हुए। हर बार उन्होंने ईडी के अधिकारियों पर ही राजनीति से प्रेरित कार्रवाई करने और बेवजह परेशान करने का आरोप लगाया। आखिरकार 31 जनवरी को 7 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने ईडी की गिरफ्तारी को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन फिलहाल वे पांच दिन के लिए ईडी की रिमांड पर हैं। आज अदालत इस मामले में सुनवाई करेगी।
खास बात ये है कि अपनी गिरफ्तारी से पहले अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हेमंत सोरेन ने ईडी के अधिकारियों के ही खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में ही केस दर्ज करा दिया था। ये केस हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया था। ईडी के चार अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में नामजद शिकायत दर्ज करवाया गया था। इन चार अधिकारियों के नाम कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार और अमन पटेल हैं। इसके अलावा अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ भी एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया था।
हेमंत सोरेन का आरोप था कि ईडी के इन सभी अधिकारियों ने उन्हें और उनके पूरे समुदाय को परेशान करने के लिए और छवि खराब करने के लिए दिल्ली के झारखंड भवन और नई दिल्ली के 5 बटा 1 शांति निकेतन में सर्च ऑपरेशन चलाया था
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