गोयनकाजी 'एक जीवन-एक ध्येय' का उदाहरण, विपश्यना को किया जीवन समर्पित : प्रधानमंत्री
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गोयनकाजी ‘एक जीवन-एक ध्येय’ का उदाहरण, विपश्यना को किया जीवन समर्पित : प्रधानमंत्री

विपश्यना पूरे विश्व को प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति की अद्भुत देन है, लेकिन हमारी इस विरासत को भुला दिया गया था

by WEB DESK
Feb 4, 2024, 06:31 pm IST
in दिल्ली
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विपश्यना साधना संस्थान के संस्थापक एसएन गोयनका के जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित किया। अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि ध्यान साधना हमें एकजुटता की भावना से जोड़ती है। एकजुटता की भावना, एकता की शक्ति ही विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है। आचार्य एसएन गोयनका के जन्मशताब्दी समारोह में सभी ने वर्ष भर इसी मंत्र का प्रचार-प्रसार किया है।

आचार्य गोयनका को ‘एक जीवन-एक ध्येय’ का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका एक ही मिशन था- विपश्यना। विपश्यना पूरे विश्व को प्राचीन भारतीय जीवन पद्धति की अद्भुत देन है लेकिन हमारी इस विरासत को भुला दिया गया था। भारत का एक लंबा कालखंड ऐसा रहा जिसमें विपश्यना सीखने और सिखाने की कला धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही थी। गोयनकाजी ने म्यांमार में 14 वर्षों की तपस्या करके इसकी दीक्षा ली और फिर भारत के इस प्राचीन गौरव को लेकर देश लौटे।

प्रधानमंत्री ने गोयनकाजी के व्यक्तित्व को निर्मल जल की तरह शांत और गंभीर बताया और कहा कि एक मूक सेवक की तरह सात्विक वातावरण का संचार करते थे। उन्होंने विपश्यना के अपने ज्ञान से सभी को लाभान्वित किया और इसलिए उन्होंने पूरी मानवता और विश्व के लिए योगदान दिया।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड) 

Topics: VipassanaVipassana Sadhana Instituteपीएम मोदीPM Modiगोयनकाजीविपश्यनाविपश्यना साधना संस्थानGoenka ji
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