मध्य प्रदेश के दमोह जिले से हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहां देर रात हजारों की संख्या में इस्लामिक कट्टरपंथियों की उन्मादी भीड़ दमोह सिटी पुलिस स्टेशन में घुस गई। एक विवाद के मामले में मुस्लिमों की भीड़ ने थाने का घर घेराव किया था। इस दौरान कट्टरपंथियों ने आपत्तिजनक नारेबाजी करते हुए सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी अरविंद सिंह को घेरकर धक्का मुक्की की और उन पर दबाव बनाने की कोशिशें की।
क्या है पूरा मामला
सिंडीकेट के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक, दमोह में जेल परिसर के पास ही एक मस्जिद है और मस्जिद के आसपास मुस्लिमों की कई दुकानें हैं। इनमें से एक दुकान मुस्लिम दर्जी की भी है। उसी दर्ज के पास लल्लू शर्मा नाम के व्यक्ति ने अफने कपड़े सिलने के लिए दिए थे। शुक्रवार की शाम को लल्लू एक अन्य व्यक्ति के साथ दर्जी की दुकान पर पहुंचे और उससे अपने कपड़े। इस दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया।
कपड़ा सिलने को लेकर हुए विवाद के बीच में वहीं के एक मौलाना भी आ गए, जिसके बाद यह विवाद पुलिस थाने पहुंचा और पुलिस ने दो युवकों को तुरंत गिरफ्तार भी कर लिया, लेकिन कुछ ही देर में हजारों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग एकत्रित हो गए और थाना परिसर में जमकर हंगामा करने लगे। उन्होंने पुलिस थाने को चारों तरफ से घेर कर तनाव के हालात पैदा कर दिए।
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इसके बाद दमोह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने मोर्चा संभाला और विशेष समुदाय की इस हंगामा करने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्वयं आगे आकर भीड़ को खदेड़ा। दमोह के अनुविभागीय दंडाधिकारी राज ललन बागरी, सीएसपी अभिषेक तिवारी, तहसीलदार उदेनिया के साथ थाना प्रभारी अरविंद सिंह देहात थाना प्रभारी विजय सिंह राजपूत के साथ बड़ी संख्या में पुलिस ने दमोह नगर के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के साथ नगर के प्रमुख मार्गों पर देर रात्रि तक फ्लैग मार्च किया।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा ने बताया कि कानून की नजर में सब बराबर हैं। कानून को किसी को भी हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। दोषियों के खिलफ कार्रवाई की जाएगी। बिगड़े हालात को नियंत्रित करने के लिये फ्लेगमार्च किया गया है। प्रशासन एवं पुलिस अपना कार्य कर रही है।
(सौजन्य : सिंडीकेट फीड)
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