अयोध्या में भगवान राम के अपने भव्य मंदिर में विराजने के बाद से देश का माहौल सनातन मय हो गया है। हर सनातनी की जुबान पर जय श्री राम होता है। ऐसे में कभी किसी कारण से या लालचवश दूसरे पंथों में चले गए लोगों को उनकी जड़ यानि सनातन धर्म अपनी ओर खींच रहा है। ऐसा हो भी क्यों न सनातन धर्म की महिमा ही ऐसी है कि जो एक बार इसे जानने की कोशिश करता है, वो बस इसी का होकर रह जाता है। ऐसा ही कुछ एक बार फिर से छत्तीसगढ़ में हुआ है, जहां 10 परिवारों के 60 लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली।
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घर वापसी की ये घटना बस्तर संभाग के अंतर्गत आने वाले जगदलपुर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के कस्तूरपाल गांव की है। यहां पर रहने वाले कई परिवार के गरीब लोगों को अच्छी शिक्षा, अच्छा जीवन और बेहतर स्वास्थ्य की लालच देकर करीब 5 वर्ष पहले ईसाई बना दिया गया था। ये लोग लालच में आकर ईसाई तो बन गए थे, लेकिन इनका रहन सहन और परंपराएं सनातन धर्म वाली ही थीं। ऐसे में जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई तो इन लोगों को भी अपनी गलती का अहसास हुआ।
इसके बाद इन लोगों ने वापस से सनातन धर्म में आने का फैसला किया। इसको लेकर ग्रामीणों ने हिन्दू संगठनों से संपर्क साधा। इसके बाद हिन्दू संगठनों की मदद से बुधवार को कस्तूरपाल के माणियाकरटामी समेत 10 परिवारों के 60 सदस्यों ने विधिवत सनातन धर्म में घर वापसी कर ली।
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इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में ईसाई कन्वर्जन एक बड़ा मुद्दा था। भाजपा ने इसे पुरजोर तरीके से उठाया भी था। यही कारण है कि प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही कई लोग घर वापसी कर चुके हैं। हाल ही में रायपुर में बाबा बागेश्वर धाम के कथा समारोह के दौरान 1000 से अधिक लोगों ने घर वापसी की थी।
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