सूर्यवंशी राम पर सूर्य की आभा
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

सूर्यवंशी राम पर सूर्य की आभा

राम मंदिर को इस तरह बनाया गया है कि 1,000 वर्ष तक रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें रामलला पर पड़ेंगी

by आर.के. सिन्हा
Jan 31, 2024, 06:34 am IST
in भारत, उत्तर प्रदेश, संस्कृति, आजादी का अमृत महोत्सव
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नवनिर्मित मंदिर राजस्थान के मकराना संगमरमर की प्राचीन श्वेत शोभा से सुसज्जित है। मंदिर में देवताओं की उत्कृष्ट नक्काशी कर्नाटक के चमोर्थी बलुआ पत्थर पर की गई है, जबकि प्रवेश द्वार की भव्य आकृतियों में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।

इस समय भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर के रामभक्तों के मन में भावनाएं हिलोरें मार रही हैं। भारत में कश्मीर में बर्फ से ढकी ऊंची चोटियों से लेकर कन्याकुमारी में धूप से सराबोर समुद्र तटों तक राम नाम की गूंज है। यह सब उस राम मंदिर के कारण है, जिसे बनाने के लिए सनातनियों को लगभग 500 वर्ष तक प्रतीक्षा करनी पड़ी। अयोध्या की सड़कों पर जो दृश्य इस वक्त दिख रहा वह तो अद्भुत है।

आर.के. सिन्हा
वरिष्ठ स्तंभकार और पूर्व सांसद

नवनिर्मित मंदिर राजस्थान के मकराना संगमरमर की प्राचीन श्वेत शोभा से सुसज्जित है। मंदिर में देवताओं की उत्कृष्ट नक्काशी कर्नाटक के चमोर्थी बलुआ पत्थर पर की गई है, जबकि प्रवेश द्वार की भव्य आकृतियों में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।

इस मंदिर के लिए भक्तों का किया गया योगदान निर्माण सामग्री से कहीं आगे तक जाता है। मंदिर में गुजरात की उदारता उपहार स्वरूप 2,100 किलोग्राम की शानदार अष्टधातु की घंटी के रूप में दिखती है। इसके साथ ही गुजरात ने एक विशेष ‘नगाड़ा’ ले जाने वाला 700 किलोग्राम का एक रथ भी दिया है। भगवान राम की मूर्ति बनाने में इस्तेमाल किया गया काला पत्थर कर्नाटक से आया है।

अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा ने जटिल नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हस्तनिर्मित संरचना भेंट की है। इस भव्य और दिव्य मंदिर के लिए योगदान की सूची यहीं खत्म नहीं होती। पीतल के बर्तन उत्तर प्रदेश से आए हैं। यहां राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सराहना करनी होगी, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण कार्य की गति को बारीकी से खुद देखा। राम मंदिर की कहानी सिर्फ सामग्री और उसकी भौगोलिक उत्पत्ति के बारे में बताकर ही समाप्त नहीं होती है। यह उन अनगिनत हजारों प्रतिभाशाली शिल्पकारों और कारीगरों की भक्तिपूर्ण मेहनत की कहानी है, जिन्होंने मंदिर निर्माण के इस पवित्र प्रयास में अपना दिल, आत्मा और कौशल डाला है।

हर पत्थर, हर नक्काशी, हर घंटी, हर संरचना ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की कहानी कहती है। राम मंदिर निर्माण में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (रुड़की), राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (हैदराबाद), इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स (बेंगलूरु) और इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी का भी अहम योगदान रहा।

मंदिर के निर्माण में कहीं भी सीमेंट, लोहा या इस्पात का उपयोग नहीं किया गया है। तीन मंजिला मंदिर का संरचनात्मक डिजाइन भूकंप प्रतिरोधी बनाया गया है और यह हजार वर्ष तक रिक्टर पैमाने पर 8 तीव्रता के मजबूत भूकंपीय झटकों को बर्दाश्त कर सकता है।

कुछ आईआईटी विशेषज्ञ सलाहकार समिति का भी हिस्सा थे। मंदिर को बनाने में इसरो की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों का भी उपयोग किया गया है। राम मंदिर की एक अनूठी विशेषता इसका सूर्य तिलक तंत्र है, जिसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगले एक हजार वर्ष तक हर वर्ष श्रीरामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे लगभग 6 मिनट के लिए सूर्य की किरणें सीधी भगवान राम की मूर्ति के माथे पर पड़ेंगी।

Topics: श्रीरामनवमीमंदिर में गुजरात की उदारताEcho of Ram's nameMakrana marble of Rajasthan's newly built templeShri Ram NavamiGujarat's generosity in the templeराम नाम की गूंजनवनिर्मित मंदिर राजस्थान के मकराना संगमरमर
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

Congress MP Shashi Tharoor

वादा करना उससे मुकर जाना उनकी फितरत में है, पाकिस्तान के सीजफायर तोड़ने पर बोले शशि थरूर

तुर्की के सोंगर ड्रोन, चीन की PL-15 मिसाइल : पाकिस्तान ने भारत पर किए इन विदेशी हथियारों से हमले, देखें पूरी रिपोर्ट

मुस्लिम समुदाय की आतंक के खिलाफ आवाज, पाकिस्तान को जवाब देने का वक्त आ गया

प्रतीकात्मक चित्र

मलेरकोटला से पकड़े गए 2 जासूस, पाकिस्तान के लिए कर रहे थे काम

प्रतीकात्मक तस्वीर

बुलंदशहर : पाकिस्तान के समर्थन में पोस्ट करने वाला शहजाद गिरफ्तार

Brahmos Missile

‘आतंकवाद कुत्ते की दुम’… ब्रह्मोस की ताकत क्या है पाकिस्तान से पूछ लीजिए- CM योगी

रिहायशी इलाकों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही गालीबारी में क्षतिग्रस्त घर

संभल जाए ‘आतंकिस्तान’!

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies