नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राजधानी नई दिल्ली में इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के विशेष सत्र में कहा कि भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं। यदि आधुनिक लोकतंत्र के आधार पर बात की जाए तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जबकि अमेरिका सबसे पुराना। अब जब दो बड़े लोकतंत्र आपस में सहयोग करेंगे तो निश्चित रूप से यह लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था को और भी मजबूत बनाएगा।
राजनाथ सिंह ने विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत में वह सारी चीजें मौजूद हैं, तथा उन सारी चीजों पर काम हो रहा है, जो हमारे संबंधों को समग्रता में और मजबूत बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका सहयोग में हमारे सुरक्षा और समृद्धि के साझा उद्देश्यों को साकार करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल अलगाव होने को नहीं, बल्कि भाईचारा को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि हमारी तो संस्कृति ही ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की है, जब हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार है, तो हम दुनिया से अलग रहकर भला अपना विकास कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पहल का उद्देश्य यह बिल्कुल भी नहीं है कि हम वैश्विक व्यवस्था से ही कट जाए। सिंह ने कहा कि हम ऐसा भारत बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहते, जो दुनिया से अलग रहकर काम करे।
सिंह ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स विशेष सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश स्वतंत्र, खुला और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय आदेश के समर्थक हैं। इसके चलते हमारे रणनीतिक हित में काफी तालमेल है। इसके साथ ही हमारे आर्थिक संबंध दोनों देशों के लिए जीत का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विदेशी निवेश लाने तथा कुशल श्रम बल का लाभ उठाने के लिए हमने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और श्रम कानून में भी सुधार किए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि यदि मैं आधारभूत संरचना की बात करूं, तो हम भारत में अगली पीढ़ी की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं पर भी काम कर रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि सड़क, रेलवे, जलमार्ग और बिजली जैसे इन्फ्रा सेक्टर के मामले में भी भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है। भारत एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का विकास कर रहा है।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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