रामलला का विग्रह 14 आभूषणों से सुशोभित है। आभूषणों का निर्माण अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, श्रीरामचरितमानस तथा आलवन्दार स्तोत्र के अध्ययन और उनमें वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुरूप शोध और अध्ययन के बाद किया गया है। इन आभूषणों में मुकुट, तिलक, दो अंगूठी, 4 हार, कमर एवं बाजूबंद, कंगन, पग कड़ा, पैजनिया और धनुष-वाण शामिल हैं। 15 किलो सोना, 18, 567 हजार हीरे, 2,984 माणिक्य, 615 पन्ने, और 439 बिना कटे हुए हीटरों से इन आभूषणों को 132 कुशल काटीगरों ने मात्र 12 दिन में तैयार किया है।
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