कांग्रेस में हिंदुओं के प्रति व्यवहार व दोगलापन केवल विरोधी दलों के लिए ही मुद्दा नहीं, बल्कि खुद कांग्रेसी नेता अपनी पार्टी पर यह आरोप लगाते रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में आज अमृतसर में हुई कांग्रेस की बैठक में हिन्दू नेताओं के साथ पक्षपात करने के आरोप लगे। असल में अमृतसर लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों की राय जानने के लिए पंजाब कांग्रेस की बैठक रखी गई थी।
इस दौरान पंजाब कांग्रेस के प्रभारी दविंदर यादव की मौजूदगी में सांसद गुरजीत सिंह औजला और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के समर्थक आपस में उलझ पड़े। दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इस दौरान पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग समेत राज्यभर से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और अमृतसर के सभी विधानसभा क्षेत्रों के नेता मौजूद थे। बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू अनुपस्थित रहे।
जानकारी के अनुसार अमृतसर देहाती कांग्रेस भवन में अलग-अलग नेता पंजाब प्रभारी दविंदर यादव की मौजूदगी मे अपने विचार रख रहे थे। इसी दौरान सांसद औजला और ओमप्रकाश सोनी के समर्थक आपस में उलझ गए और नारेबाजी करने लगे। सोनी समर्थक मांग कर रहे थे कि एक हिन्दू नेता को अमृतसर से लोकसभा की टिकट मिलनी चाहिए। कांग्रेस में हमेशा ही हिंदुओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। वहीं मामले को लेकर दविंदर यादव ने कहा कि यह सिर्फ वर्कर्स मीटिंग है। इस बैठक में लोकसभा सीट के लिए कोई भी उम्मीदवार तय नहीं किया जाना है। यह बैठक सिर्फ वर्करों की राय के लिए रखी गई है।
ज्ञात रहे कि कांग्रेस में हिंदुओं के साथ भेदभाव के आरोप लगा कर ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष चौधरी सुनील कुमार जाखड़ पार्टी छोड़ चुके हैं और वर्तमान में वह भाजपा के पंजाब अध्यक्ष पर विराजमान हैं। राज्य में कांग्रेस शासन के दौरान जब कैप्टन अमरिंदर सिंह का विकल्प खोजा जा रहा था तब चौधरी जाखड़ का नाम मुख्यमंत्री के रूप में आगे आया था परंतु पार्टी हाईकमान ने यह कह कर चौधरी जाखड़ को मुख्यमंत्री की जिम्मेवारी नहीं सौंपी कि राज्य मे केवल पगड़ीधारी ही मुख्यमंत्री बन सकता है। आज फिर कांग्रेस के हिन्दू नेताओं का गुस्सा सामने आया है।
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