आज पाञ्चजन्य परिवार के लिए बहुत ही दुखद दिन है। पाञ्चजन्य के सहयोगी संपादक श्री ज्ञानेंद्र बरतरिया नहीं रहे। लगभग 10-12 दिन पहले उन्हें हृदयाघात हुआ था, इसके बाद तत्काल उन्हें पूर्वी दिल्ली स्थित धर्मशिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां स्थिति में सुधार न होने के कारण एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां उनका उपचार शुरू हुआ और कुछ ही दिन पहले उनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई थी। इसके बाद भी कभी वे स्वस्थ महसूस करते थे और कभी अस्वस्थ। अंतत: उन्हें बचाया नहीं जा सका। आज तड़के (28 जनवरी, 2024) करीब 4 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
ज्ञानेंद्र जी बहुत ही वरिष्ठ पत्रकार थे। पाञ्चजन्य से पहले उन्होंने देश के प्रमुख हिन्दी चैनलों और अखबारों अपनी सेवाएं दी थीं। वे पिछले लगभग एक साल से पाञ्चजन्य में सहयोगी संपादक का दायित्व निभा रहे थे। उनके पास पत्रकारिता क्षेत्र का विशाल अनुभव था और इसका लाभ पाञ्चजन्य परिवार को मिलता रहा। सदैव किसी से हंसकर बात करने वाले ज्ञानेंद्र जी गंभीर विषयों को भी बहुत ही सरलता के साथ पाठकों के सामने रखते थे।
ऐसे अपने वरिष्ठ सहयोगी के जाने से पाञ्चजन्य परिवार अत्यंत दुखी है। ज्ञानेंद्र जी मूलत: मध्य प्रदेश के भोपाल के रहने वाले थे। वे अपने पीछे धर्मपत्नी और दो बच्चे छोड़ गए हैं। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिवारजन को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति: शांति:
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