देश की पहली महिला जासूस नीरा आर्य के स्मारक एवं पुस्तकालय का लोकार्पण 26 जनवरी 2024 को किया गया। नीरा आर्य आजाद हिन्द फौज में रानी झांसी रेजिमेंट की सिपाही रही थीं। नीरा आर्य के जन्म स्थान बागपत के खेकड़ा की पट्टी गिरधरपुर में बने स्मारक एवं पुस्तकालय की स्थापना साहित्यकार तेजपाल सिंह धामा एवं मधु धामा ने की है। इसका लोकार्पण चाणक्य फेम प्रख्यात फिल्म निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी ने किया। साहित्यकार तेजपालसिंह धामा एवं मधु धामा ने व्यक्तिगत रूप से 70 लाख रुपए खर्च करके इसका का निर्माण कार्य कराया है। चौधरी हरबीर सिंह एवं सीमा चौधरी ने भी इसके निर्माण में योगदान किया है।
यहां नीरा आर्य की प्रतिमा के साथ-साथ सीताकौर देवी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। दो मंजिला इस स्मारक में नीचे प्रतिमा एवं पुस्तकालय बनाया गया है और ऊपरी मंजिल पर गरीब लड़कियों को निशुल्क सिलाई सिखाने की व्यवस्था की गई है।
पुस्तकालय में सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक पुस्तकों के साथ-साथ साहित्य से संबंधित पुस्तकें एवं दर्जनों ऐतिहासिक महत्व की पत्रिकाओं के दुर्लभ अंक भी संग्रहित किए गए हैं। ऐसी 16 पुस्तकें भी पुस्तकालय में हैं, जिनमें नीरा आर्य के जीवन के अनेक प्रसंग दिए गए हैं। इस पुस्तकालय में बागपत जिले के सभी 300 से अधिक स्वतंत्रता सेनानियों के चित्र एवं आजादी की जंग में उनके योगदान को दर्शाने वाले फोटो फ्रेम में लगाए गए हैं। इसी के साथ गोबिंद बल्लभ पंत, मैथिलीशरण गुप्त, हरिवंश राय बच्चन, पंडित नेहरू एवं नेताजी सुभाष के हाथ के लिखे हुए कई मूल पत्र भी इस पुस्तकालय में रखे गए हैं। पुस्तकालय को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी करने वाले छात्रों के साथ-साथ आम पाठकों और शोधार्थियों के लिए भी उपयोगी बनाया गया है, क्योंकि इसमें हर प्रकार की पुस्तकें संग्रहित की गई हैं।
नीरा आर्य के जीवन पर बॉलीवुड में एक फिल्म का निर्माण भी किया जा रहा है। इस फिल्म के निर्देशक चंद्रप्रकाश द्विवेदी को चाणक्य टेलीविजन धारावाहिक के निर्देशक एवं अभिनेता के रूप में सर्वाधिक जाना जाता है। उपनिषद गंगा भी इनका लोकप्रिय धारावाहिक रहा। इसके अलावा पिंजर, जेड प्लस, मोहल्ला अस्सी, सम्राट पृथ्वीराज जैसी फिल्मों का इन्होंने कुशल निर्देशन किया। रामसेतु और ओएमजी-2 में ये क्रिएटिव प्रोड्यूसर थे। नीरा आर्य फिल्म के निर्माता विशाल त्यागी बॉलीवुड में किसी परिचय के मोहताज नहीं है।
नीरा आर्य का जन्म 5 मार्च, 1902 को तत्कालीन संयुक्त प्रांत के खेकड़ा नगर में हुआ था। वर्तमान में खेकड़ा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में बागपत जिले का एक शहर हैं। इनकी शादी ब्रिटिश भारत में सीआईडी इंस्पेक्टर श्रीकांत जयरंजन दास के संग हुई थी। श्रीकांत जयरंजन दास अंग्रेज भक्त अधिकारी था। इन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जान बचाने के लिए अंग्रेजी सेना में अफसर अपने पति श्रीकांत जयरंजन दास की हत्या कर दी थी। पति को मारने के कारण ही नेताजी ने उन्हें ’नागिनी’ कहा था। आजाद हिन्द फौज के समर्पण के बाद जब मुकदमा चला तो सभी बंदी सैनिकों को छोड़ दिया गया लेकिन पति की हत्या के आरोप में नीरा आर्य को काला पानी की सजा हुई, जहां इन्हें घोर यातनाएं दी गईं।
इस अवसर पर रामचंद्र वैदिक गुरुकुल के कुलपति स्वामी महेश योगी को नीरा आर्य सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्हें 11 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। कार्यक्रम में रामचंद्र वैदिक गुरुकुल की संरक्षक श्रीमती गरिमा गोयल, डीडी न्यूज की संपादक श्रीमती संगीता अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष बागपत श्रीमती ममता किशोर, प्रसिद्ध लेखक श्री बलवीर सिंह करुण, कृषि वैज्ञानिक डॉ. यशपाल सिंह, छपरौली के विधायक डॉ. अजय कुमार, पूर्व विधायक डॉ॰ अजय तोमर, पूर्व राज्यमंत्री डॉ. कुलदीप उज्जवल, स्वतंत्रता सेनानी श्री मुरारी आर्य जी के पुत्र डॉ. जगपाल सिंह तेवतिया, प्रख्यात लेखक श्री रमाकान्त शर्मा उद्भ्रांत, प्रख्यात चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. राघवेंद्र, श्री दीपक कुमार, श्री शिवओम त्रिवेदी, रामकुमार आर्य, अनुभव आर्य, हरबीर सिंह, धर्मपाल, शौराज, जावेद सईद, सुमित शर्मा, फिल्म अभिनेता कपिल दाँगी, मनोज जैन, आनंद कुमार आईपीएस आदि उपस्थित रहे।
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