भारत का 75वां गणतंत्र दिवस उत्सव भारत सहित दुनिया के अनेक देशों में खूब धूमधाम से मनाया गया। विदेशी धरती पर शान से फहरे तिरंगे की छटा ही निराली थी। भारतीय दूतावासों और उच्च्यायोगों ने इस अवसर पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों के अलावा विदेशी मेहमान शामिल हुए और नए भारत के गणतंत्र का उत्सव मनाया।
26 जनवरी की सुबह से ही विभिन्न देशों में बसे भारतीय अपनी पारंपरिक पोशाकें पहने तिरंगा थामे समारोहों में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे थे। विभिन्न देशों में भारतीय दूतावासों और मिशनों पर खूब सजावट की गई थी। भारतीय राजदूतों और उच्चायुक्तों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और विशेष संदेश प्रसारित किए। इस अवसर पर भारतीय राजदूतों ने बढ़ते भारत की चर्चा की, कहा कि भारत ने अमृतकाल में प्रवेश किया है तथा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की ओर कदम बढ़ाए जा चुके हैं।
तिरंगा फहराए जाने के साथ ही भारतीय राजदूतों ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 75वें गणतंत्र दिवस पर दिया गया विशेष संदेश पढ़ा। अमेरिका, इटली, रूस, नाइजीरिया, सिंगापुर, जर्मनी, मालदीव, यूक्रेन, श्रीलंका, इस्राएल, चेक गणराज्य, कंबोडिया, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, चीन, बांग्लादेश, कंबोडिया और जापान से ऐसे समारोहों के मनाए जाने के समाचार प्राप्त हुए हैं।
भारतीय गणतंत्र के इस जश्न में लगभग हर देश में प्रवासी भारतीयों सहित स्थानीय लोगों ने भी बढ़—चढ़कर भाग लिया। लोग भारतीय पोशाकों में देशभक्ति से सराबोर नजर आए। अनेक दूतावासों और मिशनों में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया जिनमें प्रवासी भारतीय युवाओं और बच्चों ने पूरे उत्साह से भाग लिया।
संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने ध्वज फहराया और 75वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज भारत शांति, स्थिरता, नवाचार तथा उन्नति की एक आदर्श मिसाल पेश कर रहा है। वाशिंगटन में भारतीय दूतावास में हुए इस कार्यक्रम में दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों, कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग उपस्थित थे।
इसी प्रकार मिस्र में भी भारतीय राजदूत अजीत गुप्ते ने 75वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष रात्रिभोज आयोजित किया था। मुख्य अतिथि के नाते मिस्र के संचार एवं आईटी मंत्री डॉ. अम्र तलत इस भोज में आए थे।
उधर चीन स्थित भारतीय दूतावास ने बयान जारी करके बताया कि जबरदस्त जाड़े के मौसम के बावजूद दूतावास पर बढ़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर अपनी भारत भक्ति का परिचय दिया। यूक्रेन की राजधानी कीव शहर में भारतीय दूतावास के सर्वोच्च अधिकारी ने कार्यक्रम में भारत तथा यूक्रेन के लोगों के प्रति शांति, समृद्धि तथा कल्याण की कामना करते हुए गणतंत्र दिवस की बधाई प्रेषित की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अरिंदम बागची ने जेनेवा में तिरंगा फहरा कर वहां उपस्थित प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। इस अवसर पर बागची ने संविधान निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
अफ्रीकी देश नाइजीरिया की राजधानी लागोस में भारतीय महावाणिज्य दूत सहित भारी संख्या में प्रवासी भारतीयों तथा अन्य लोगों ने गणतंत्र दिवस समारोह में तिरंगा फहराया। कार्यक्रम में लागोस के स्कूली बच्चों ने देशभक्ति से जुड़े गाने गाकर सबका मन मोह लिया।
जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में भारत के दूतावास में भी समारोह की रौनक देखते ही बनती थी। इसी प्रकार भूटान, लेबनान तथा रूस स्थित भारतीय दूतावासों में प्रवासी भारतीयों ने बड़ी संख्या में गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लिया तथा रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए।
इटली के भारतीय मिशन ने बयान जारी किया कि, गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय प्रवासियों की उत्साह से भरी भागीदारी की वजह से उत्सव का आनंद कई गुना बढ़ गया। न्यूजीलैंड में इस मौके पर भारतीय लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम हुए। राजस्थानी सांस्कृतिक प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया।
यूरोप में ही इटली के भारतीय मिशन ने बयान जारी किया कि, गणतंत्र दिवस समारोह में भारतीय प्रवासियों की उत्साह से भरी भागीदारी की वजह से उत्सव का आनंद कई गुना बढ़ गया। न्यूजीलैंड में इस मौके पर भारतीय लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम हुए। राजस्थानी सांस्कृतिक प्रस्तुति ने सबका दिल जीत लिया। भवई तथा कालबेलिया लोक नृत्यों ने गजब का समां बांधा।
भारत के न्यूजीलैंड स्थित उच्चायोग में उच्चायुक्त नीता भूषण ने ऐसे अनेक प्रवासी भारतीयों को सम्मान अर्पित किया, जिन्हें पिछले दिनों न्यूजीलैंड के मेरिट ऑफ ऑर्डर, क्वीन्स सर्विस मेडल जैसे सम्मानों से सम्मानित किया गया है।
पड़ोसी देश नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने बलिदानी भारतीय सैनिकों के परिवारों को सम्मानित किया। बांग्लादेश में 24 जनवरी को भारतीय उच्चायोग में एक विशेष समारोह हुआ, जिसमें बांग्लादेश सरकार, संसद, न्यायपालिका तथा सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लेकर उत्सव की गरिमा बढ़ाई।
टिप्पणियाँ