कर्णावती । गुजरात मे लोकसभा चुनाव की गर्माहट चरम पर है। एक तरफ प्रदेश भाजपा ने बिना चुनाव की तारीख और बिना उमीदवार के लोकसभा कार्यालय शुरू कर चुनाव बिगुल फूंक दिया है और दूसरी तरफ गुजरात के अन्य पक्ष के विधायकों के एक के बाद एक इस्तीफे आने शुरू हो गए है। बड़ौदा की वाघोड़िया बैठक के निर्दलीय विधायक धर्मेन्द्र सिंह वाघेला ने आज अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को सौंपा। जल्द ही वाघेला भाजपा से जुड़ेंगे।
लोकसभा चुनाव के चलते प्रदेश भाजपा ने पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले कांग्रेस के सीनियर नेता सी जे चावड़ा ने इस्तीफा दिया और उनके भाजपा में जुड़ने की संभावना देखी जा रही है। इस बीच आज वाघोड़िया के निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा दिया। धर्मेन्द्र सिंह वाघेला 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बनकर 14 हजार से ज्यादा मार्जिन से भाजपा के उम्मीदवार अश्विन पटेल को पराजित किया। वाघेला पहले भाजपा से ही जुड़े हुए थे लेकिन टिकट ना मिलने पर निर्दलीय लड़ने का फैसला किया था। अब सुबह का भुला शाम को घर वापस आ गया है और वाघेला भाजपा से जुड़ने की तैयारी कर रहे है। इस्तीफे के बाद एक निवेदन में वाघेला ने वजह बताते हुए कहा कि आज जब प्रधानमंत्री मोदी देश मे रामराज्य की स्थापना के प्रयास में जुटे है तब मुझे उनके साथ सहभागी होना चाहिए ऐसा मेरे मतदाताओं का भी मानना है। सूत्रों की माने तो वाघेला भाजपा की तरफ से वाघोड़िया बैठक से ही उपचुनाव लड़ेंगे।
वाघेला के इस्तीफे के बाद गुजरात विधानसभा में 4 बैठक खाली हुई है। इससे पहले कांग्रेस के विजापुर के विधायक सी जे चावड़ा, कांग्रेस के खंभात के विधायक चिराग पटेल और आम आदमी पार्टी के विसावदर के विधायक भूपेन्द्र भायाणि ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब गुजरात मे कांग्रेस का संख्या बल 17 से 15 हो गया है। आप का संख्या बल 5 से घटकर 4 और निर्दलीय विधायक की संख्या 4 से घटकर 3 हो गई है। गुजरात विधानसभा में 182 बैठक है जिनमे से 156 भाजपा के विधायक है।
कांग्रेस के अर्जुन मोढवाडिया को ट्वीट क्यों करना पड़ा?
भाजपा के ऑपरेशन लोटस के चलते गुजरात के राजकीय गलियारे में हलचल मची हुई है। कांग्रेस के कुछ विधायको कि भाजपा से जुड़ने की चर्चाएं ज़ोर पर है तभी सीनियर नेता मोढवाडिया ने बुधवार को ट्वीट करके उनके कांग्रेस में ही होने की स्पष्टता देनी पड़ी। हुआ कुछ यूं कि मोढवाडिया ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में सहभागी नही होने को लेकर केंद्रीय नेताओं के निर्णय पर टिप्पणी की थी।
“राम देश के लाखों भक्तो की आस्था का प्रतीक है तब इस प्रकार के निर्णय से कांग्रेस के नेताओं को दूर रहना चाहिए था” ऐसा ट्वीट मोढवाडिया ने किया था। उनका यह ट्वीट और उसके कुछ दिन बाद सी जे चावड़ा का इस्तीफा पड़ा और तभी मोढवाडिया के भाजपा से जुड़ने की चर्चा तेज़ हो गई। इस चर्चा को ज्यादा बढ़ावा न देते हुए खुद मोढवाडिया ने ही ट्वीट करके खुलासा किया कि मीडिया चेनल्स मेरे किसी भी खुलासे के बिना मेरे भाजपा में जुड़ने की खबर चला रहे है, लेकिन में कांग्रेस में ही हूँ और कांग्रेस का ही विधायक हूँ। सूत्रों की माने तो मोढवाडिया काफी समय से कांग्रेस से नाराज चल रहे है और कभी भी भाजपा से जुड़ सकते है।
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