अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से पड़ोसी इस्लामी देश के कट्टर मजहबियों की बौखलाहट बढ़ गई है। उन्होंने न सिर्फ राम मंदिर के विरुद्ध जहर उगला है बल्कि उस देश में बचे गिनती के मंदिरों को भी तोड़ने की धमकियां देनी शुरू कर दी हैं।
मीडिया में आए समाचारों और सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो बताते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पाकिस्तानी कट्टरपंथियों को हजम नहीं हो रही है। उनके मन में भारत और हिन्दू धर्म के विरुद्ध जमा जहर बाहर आने लगा है। सोशल मीडिया पर ऐसे पाकिस्तानियों के बयान हैं कि जिनमें नफरत के सिवाय कुछ नहीं झलकता। वे इतना चिढ़े हुए हैं कि अपने देश में बचे गिनती के मंदिरों को ही तोड़ डालने की बातें कर रहे हैं। यहां बता दें कि पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के नेता भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर जहर उगल चुके हैं।
जहां एक ओर दुनिया राममय दिखती है तो वहीं दूसरी ओर मजहबी पाकिस्तान में सुन्नी कट्टरपंथी इससे खासे चिढ़े हुए हैं। वे इतने ‘आहत’ हैं कि खुलकर उन्मादी नारे लगा रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की दुनियाभर में गूंज को देखकर तो उनका पारा बहुत चढ़ा हुआ है। वे अपने यहां के मंदिरों को निशाना बनाने का आह्वान कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे इस मौके पर भारत में चाहे कुछ न कर पाने की हालत में हों, पर पाकिस्तान में मौजूद मंदिरों को तो निशाने पर ले ही सकते हैं।
सोशल मीडिया पर कई पाकिस्तानियों के बयानों में हिन्दुओं के प्रति नफरत साफ झलकती है।पाकिस्तान की एक यूट्यूबर है निमरा अहमद, उसने प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों की रायशुमारी की तो उसमें एक कट्टरपंथी ने कहा कि भारत के लोगों ने उनके साथ जैसा किया है, वे भी भारतीयों के साथ वैसा ही करेंगे। पाकिस्तानी क्या करेंगे? इस सवाल के जवाब में उसका कहना था कि वे पाकिस्तान में मौजूद मंदिरों को निशाना बनाएंगे, उन्हें तोड़ेंगे। अयोध्या के राम मंदिर का अपने इस्लामी देश में हर तरफ से विरोध करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कट्टर सुन्नी देश सऊदी अरब में अयोध्या के राम मंदिर के समारोह को लेकर उत्साह का माहौल दिखा था जबकि वह देश इस्लामवादियों का गढ़ माना जाता है। पाकिस्तानियों का कहना है कि वह देश तो हर मामले पर चुप ही रहता है लेकिन वे चुप नहीं रहेंगे।
इसी पाकिस्तान में कमर चीमा जैसे राजनीतिक विश्लेषक भी हैं जो प्रधानमंत्री मोदी की खुलकर तारीफ कर रहे हैं और मंदिर को भारत की आस्था से जुड़ा विषय बताते हैं जिस पर पाकिस्तान को उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। दुनिया के अनेक देशों में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव पूरे भाव के साथ देखा गया और अनके अंतरराष्ट्रीय अखबारों ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि, नेतृत्व और समाज में उनकी चरम पर पहुंची लोकप्रियता की प्रशंसा की है।
सोशल मीडिया पर चल रहे वीडियो में कट्टर सोच के पाकिस्तानियों का कहना है कि पाकिस्तान में गिनती के हिन्दू रहते हैं इसलिए अयोध्या के राम मंदिर के विरोध में यहां के एक—दो मंदिरों को तोड़ भी देंगे तो उन हिन्दुओं को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पाकिस्तान की सत्ता भी बौखलाई हुई है। वहां के विदेश विभाग ने तो राम मंदिर के विरुद्ध एक बयान तक जारी करके कह दिया कि ‘यह भारत के लोकतंत्र पर एक धब्बा है’। दिसंबर 1992 में जब बाबरी ढांचा ढहा था तब भी उसके विरोध में पाकिस्तान में हिंदुओं को हिंसा का शिकार बनाया गया था। वहां तब करीब 30 से अधिक मंदिरों को तोड़फोड़ का निशाना बनाया गया था।
जैसा पहले बताया, अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पाकिस्तान की सत्ता भी बौखलाई हुई है। वहां के विदेश विभाग ने तो राम मंदिर के विरुद्ध एक बयान तक जारी करके कह दिया कि ‘यह भारत के लोकतंत्र पर एक धब्बा है’। दिसंबर 1992 में जब बाबरी ढांचा ढहा था तब भी उसके विरोध में पाकिस्तान में हिंदुओं को हिंसा का शिकार बनाया गया था। वहां तब करीब 30 से अधिक मंदिरों को तोड़फोड़ का निशाना बनाया गया था। लाहौर के कृष्ण मंदिर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया था।
लेकिन यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि इसी पाकिस्तान में कमर चीमा जैसे राजनीतिक विश्लेषक भी हैं जो प्रधानमंत्री मोदी की खुलकर तारीफ कर रहे हैं और मंदिर को भारत की आस्था से जुड़ा विषय बताते हैं जिस पर पाकिस्तान को उंगली उठाने का कोई अधिकार नहीं है। दुनिया के अनेक देशों में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा उत्सव पूरे भाव के साथ देखा गया और अनके अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि, नेतृत्व और समाज में उनकी चरम पर पहुंची लोकप्रियता की प्रशंसा की है। मोदी को दुनिया के महत्वपूर्ण नेताओं में से एक बताया है।
टिप्पणियाँ