सनातन धर्म की महिमा ही ऐसी है कि जो इसको समझने की एक बार भी कोशिश करता है तो वो इससे अलग नहीं होता है। इस समय पूरा देश अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से राम भक्ति में लीन हैं। वो लोग जो कभी सनातन धर्म को किसी कारण से छोड़कर किसी दूसरे पंथ में चले गए थे, वो भी अगर सनातन धर्म में घर वापसी कर रहे हैं। ऐसा ही मध्य प्रदेश के अलिराजपुर में हुआ, जहां अय्यूब उर्फ पीरू भाई ने पत्नी, बच्चों समेत घर वापसी कर ली।
22 जनवरी को हिन्दुओं का 500 वर्षों का इतंजार खत्म हुआ। जब राम लला अपने मंदिर में स्थापित हो गए। वहीं सनातन धर्म की महिमा को जानने के बाद अय्यूब खान ने परिवार समेत सनातन धर्म अपनाया। इस मौके पर विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं ने दंपति के पांव पखारे और उन्हें अंगवस्त्र पहनाकर उनका सनातन धर्म में स्वागत किया। घर वापसी के बाद इन्होंने अपना नाम बदलकर राजकुमार और पत्नी का नाम करिश्मा रख लिया है। बच्चों का भी नामकरण किया गया। अय्यूब खान ने कहा कि हमारे पूर्वज पहले हिन्दू ही थे, लेकिन किसी कारण से वो दूसरे पंथ में चले गए थे।
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लेकिन हमें हिन्दू धर्म और पूजा पद्धति आज भी पसंद है और इसीलिए हमने घर वापसी कर ली। घर वापसी के दौरान सभी ने जमकर जय श्री राम के जयकारे लगाए। विश्व हिन्दू परिषद के नेता संजय मांझी ने करिश्मा जो कि एक वनवासी युवती थी, उससे निकाह किया था। कई साल साथ में रहकर उसने सनातन धर्म समझा। इसके बाद उसने विश्व हिन्दू परिषद से संपर्क किया और घर वापसी कर ली।
उल्लेखनीय है कि भगवान राम के राम मंदिर में पहुंचने के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोगों में भी सनातन संस्कृति के प्रति अगाध श्रद्धा बढ़ रही है। यही कारण है कि लोग वापस अपनी जड़ों की ओर लौट रहे हैं।
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