चीन को चिंता है कि वहां शिशु जन्म दर निरंतर दूसरे साल भी उतार पर दिखी है। कोविड 19 के कथित जनक के यहां मौतों का आंकड़ा इतना ज्यादा रहा है कि जन्म दर उसके मुकाबले बहुत नीचे आ चुकी है। इससे चीन पिछले काफी समय से चिंतित है। नव युगलों को दो बच्चे पैदा करने के लिए उसके द्वारा दिए गए अनेक लालच भरे प्रस्तावों के बावजूद बच्चे कम पैदा हो रहे हैं। और यह एक चलन बनता देख कम्युनिस्टों को आने वाले वक्त में उसकी अर्थव्यवस्था पर खतरा नजर आने लगा है।
गत दो वर्ष से चीन में जनसंख्या में यह जो लगातार गिरावट देखने में आ रही है, उसके पीछे सबसे बड़ा कारण जहां कोविड 19 से हुई मौतों को बताया जा रहा है, वहीं गिरती जन्म दर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। जन्म दर में आ रही कमी कम्युनिस्ट चीन के लिए एक नहीं कई समस्याएं पैदा करने वाली है, ऐसा अनेक विश्लेषकों का मानना है।
आज चीन की जनसंख्या है 140 करोड़। उस देश के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार, गत वर्ष से अभी तक वहां की जनसंख्या 20 लाख 80 हजारअ घट चुकी है। आज भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश बनकर उभरा है, इस मामले में चीन अब दूसरे नंबर पर है।
चीन में कामगारों की आयु 16 से 59 साल के बीच मानी जाती है। वर्ष 2022 में इस संख्या में 10.75 मिलियन की कमी देखी गई। जबकि उस देश में 60 साल से अधिक की आयु के बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहां दो साल पहले 60 से ज्यादा उम्र के लोगों की तादाद 16.93 मिलियन बढ़ी थी। चीन विकास के मामले में भी गत 30 साल से पिछड़ता ही देखा गया है।
चीन में 2022 के आंकड़ों के हिसाब से 8.5 लाख लोग मृत्यु को प्राप्त हुए थे। इसके सामने 2023 की जन्म दर प्रति हजार में 6.39 प्रतिशत कम देखने में आई है। माना जा रहा है कि चीन में जबसे कम्युनिस्ट राज स्थापित हुआ है तबसे अब तक जन्म दर में ऐसी कमी पहली बार दिखी है।
चीन में कामगारों की आयु 16 से 59 साल के बीच मानी जाती है। वर्ष 2022 में इस संख्या में 10.75 मिलियन की कमी देखी गई। जबकि उस देश में 60 साल से अधिक की आयु के बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहां दो साल पहले 60 से ज्यादा उम्र के लोगों की तादाद 16.93 मिलियन बढ़ी थी। चीन विकास के मामले में भी गत 30 साल से पिछड़ता ही देखा गया है।
जनसंख्या की कमी से आगे कितनी दिक्कतें आ सकती हैं, यह चीन के नीतिकार बखूबी जान रहे हैं इसलिए कुछ समय पहले सरकार ने लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए सरकारी नौकरी सहित अन्य अनेक प्रकार के प्रलोभन दिए थे, लेकिन वे युगलों को लुभाने में असफल ही रहे। बढ़ती महंगाई और जीवन चलाने में आ रहीं अन्य समस्याओं को देखते हुए चीनी ज्यादा बच्चे पैदा करने से परहेज कर रहे हैं। आज भी वहां पढ़े—लिख युवा बेरोजगारी की संख्या बढ़ती दिख रही है।
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