भोपाल। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में तैयार किए गए पांच लाख लड्डुओं की प्रसादी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को अयोध्या भेजी। उन्होंने लड्डू प्रसादी के पांच कंटेनरों से भोपाल के मानस भवन से भगवा झंडी दिखाकर रवाना किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उज्जैन और अयोध्या का संबंध दो हजार साल पुराना है। उन्होंने इस मौके पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने वालों पर निशाना साधते हुए उन्हें अभागा निरुपित किया।
दरअसल, अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश पर महाकालेश्वर मंदिर समिति ने एक करोड़ रुपये की लागत से पांच लाख लड्डुओं की प्रसादी तैयार की है, जो गुरुवार देर रात पांच कंटेनरों के माध्यम से भोपाल पहुंची थी। यह लड्डू प्रसादी 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में वितरित की जाएगी। शुक्रवार को भोपाल के मानस भवन में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री ने इन कंटेनरों को भगवा ध्वज लहराकर अयोध्या के लिए रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने रामगोपाल सोनी की किताब अयोध्या का विमोचन भी किया।
सम्राट विक्रमादित्य ने बनवाया था मंदिर
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो उप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे बताया कि हमारे सामने वर्तमान की अयोध्या नगरी का यह जो भौगोलिक स्वरूप है, उसे दो हजार साल पहले सम्राट विक्रमादित्य के काल में जीर्णोद्धार कर नया रूप दिया गया था। भव्य मंदिर भी सम्राट विक्रमादित्य द्वारा बनाया बनवाया गया था। वह जो 2000 साल पहले मप्र के उज्जैन और अयोध्या का जो संबंध था, एक तरह से वह युग हमारे सामने फिर पलटते हुए वापस आ रहा है। भगवान श्रीराम पुन: गर्भ गृह में विराजमान हो रहे हैं।
(सौजन्य सिंडिकेट फीड)
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