राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले के एक मुख्य आरोपी सवाद (38) को कन्नूर के मट्टनूर से गिरफ्तार किया, जहां वह भगोड़े के रूप में अपनी पहचान छिपाकर सवाद शाहजहां के रूप में रहता था और बढ़ई का काम करता था।
सेवानिवृत्त कॉलेज प्रोफेसर टी. जे. जोसेफ का दाहिना हाथ इस आरोप में काट दिया गया था कि उन्होंने इस्लाम की तौहीन की है। यह घटना घटे 13 वर्ष से अधिक समय बीत चुका है। अब इस मामले में एनआईए ने पहले मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो केरल में आराम से रह रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले के एक मुख्य आरोपी सवाद (38) को कन्नूर के मट्टनूर से गिरफ्तार किया, जहां वह भगोड़े के रूप में अपनी पहचान छिपाकर सवाद शाहजहां के रूप में रहता था और बढ़ई का काम करता था।
मामले के अन्य सभी 40 आरोपियों को घटना के बाद के वर्षों में गिरफ्तार कर लिया गया था। 2015 में पहले चरण की सुनवाई में 13 को दोषी ठहराया गया, जबकि 18 को बरी कर दिया गया। 2023 में दूसरे चरण की सुनवाई में छह को दोषी ठहराया गया और पांच को बरी कर दिया गया। सवाद समेत सभी आरोपी पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया के सदस्य थे, जिस पर 2022 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
राज्य सरकार की नीतियां आतंकवादियों की मददगार हैं। कई वर्ष पहले कन्नूर में ही कनक माला से आतंकवादियों को हिरासत में लिया गया था। इसमें कोई शक नहीं कि आतंकवादियों को पुलिस से मदद मिलती है। यह अविश्वसनीय है कि पुलिस 13 वर्ष तक उसका पता नहीं लगा सकी। के. सुरेंद्रन ने कहा कि आतंकवादियों को स्थानीय समर्थन भी उपलब्ध है। आतंकवादियों सबसे ज्यादा आईएस भर्ती कन्नूर जिले से होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीपीएम अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण आतंकवादियों का समर्थन करती है।
– के. सुरेंद्रन, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष
प्रोफेसर टी.जे. जोसेफ का हाथ काटने का आतंकवादी हमला 4 जुलाई, 2010 को हुआ था। पेरुंबवूर का मूल निवासी सवाद तब से पिछले तेरह वर्षों से फरार था। प्रोफेसर जोसेफ इडुक्की जिले के थोडुपुझा स्थित न्यूमैन कॉलेज में शिक्षक थे। कॉलेज में छात्रों के लिए उन्होंने जो प्रश्न पत्र तैयार किया था, उसमें पैगंबर की कथित निंदा के आरोपों में उन पर हमला किया गया था। इस्लामिक आतंकवादियों की एक टीम ने उन पर कुल्हाड़ी, तलवार और खंजर से हमला किया, उनका दाहिना हाथ काट दिया और पैर में चाकू मारा। इतना ही नहीं, इस घटना के बाद उन्हें कॉलेज से बर्खास्त कर दिया गया। चर्च ने भी उनका साथ देने से इनकार कर दिया था। कोई आमदनी न रह जाने ने उनकी पत्नी को मानसिक पीड़ा में धकेल दिया और उन्होंने 3 मार्च 2014 को आत्महत्या कर ली।
आतंकी हमले की घटना के बाद से जांच एजेंसियां सवाद को पकड़ने की कोशिश करती रहीं। इस बीच ऐसी अफवाहें उड़ीं कि सवाद पाकिस्तान या अफगानिस्तान भाग गया है। एनआईए ने विदेश में भी जांच की। मामले की गंभीरता सामने आ गई थी और आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप लगाए गए थे।
प्रोफेसर जोसेफ पर हुए आतंकी हमले से केरल के मानस में भय व्याप्त हो गया था। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि सीपीएम के ‘पार्टी गांवों’ में धार्मिक आतंकवादी बड़े पैमाने पर पनपते हैं। उन्होंने कहा, जोसेफ के हाथ काटने के मामले में पहला आरोपी तेरह साल से कन्नूर जिले के मट्टनूर में खुशहाल जीवन जीता रहा है। इससे यह सिद्ध होता है कि केरल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह है। मट्टनूर राज्य में सीपीएम का सबसे मजबूत अड्डा है। एनआईए ने मट्टनूर से आतंकी को पकड़ा। पहले आतंकी कश्मीर में आराम से छुपे रहते थे। लेकिन, भारत का वह हिस्सा अब उनके लिए सुरक्षित नहीं है, इसलिए केरल को उनकी सुरक्षित पनाहगाह बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियां आतंकवादियों की मददगार हैं। कई वर्ष पहले कन्नूर में ही कनक माला से आतंकवादियों को हिरासत में लिया गया था। के. सुरेंद्रन का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि आतंकवादियों को पुलिस से मदद मिलती है। यह अविश्वसनीय है कि पुलिस 13 वर्ष तक उसका पता नहीं लगा सकी। के. सुरेंद्रन ने कहा कि आतंकवादियों को स्थानीय समर्थन भी उपलब्ध है। आतंकवादियों सबसे ज्यादा आईएस भर्ती कन्नूर जिले से होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सीपीएम अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण आतंकवादियों का समर्थन करती है।
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